Wednesday

23-04-2025 Vol 19

जाति गणना पर सीडब्लुसी की बैठक!

कांग्रेस पार्टी बिहार में हुई जाति गणन को गंभीरता से ले रही है और किस तरह से इसका राजनीतिक इस्तेमाल हो सकता है इस पर पार्टी विस्तार से विचार करेगी। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की कार्य समिति यानी सीडब्लुसी की बैठक इस मुद्दे पर हो सकती है। हालांकि बैठक कब होगी और उसका एजेंडा क्या होगा यह पता नहीं है। ध्यान रहे अभी पांच राज्यों में विधानससभा के चुनाव होने वाले हैं। चुनाव आयोग किसी भी समय इसकी घोषणा कर सकता है। ऐसे में कांग्रेस के सारे नेता प्रचार में लगेंगे या चुनावी कामकाज में व्यस्त हो जाएंगे। सो, उससे पहले ही इस मसले पर बैठक करनी होगी या फिर चुनाव के बाद बैठक होगी।

कांग्रेस के जानकार नेताओं का कहना है कि पार्टी पांच राज्यों के चुनाव में इसका मुद्दा बनाने वाली है। राहुल गांधी अपनी सभाओं में खुल कर जाति गणना का समर्थन कर रहे हैं और वादा  कर रहे हैं कि कांग्रेस की सरकार केंद्र में बनी तो पूरे देश में जाति गणना कराएगी। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मसले पर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया है और कहा है कि कांग्रेस पहले भी जात-पात पर देश को बांटती थी और अब भी वही पाप कर रही है। इसका मतलब है कि भाजपा की नजर में जाति गणना पाप है। सो, कांग्रेस चुनावों में इसे मुद्दा बना सकती है।

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का एजेंडा भाजपा को ओबीसी, एससी और एसटी विरोधी साबित करना है। इसके लिए उसके पास दो हथियार हैं। पहला, जाति गणना। बिहार ने इसका रास्ता दिखा दिया है। जिस तरह से छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार ने आरक्षण की सीमा बढ़ा कर 77 फीसदी करने का फैसला किया है उसी तरह का ऐलान मध्य प्रदेश में किया जा सकता है। ध्यान रहे मध्य प्रदेश का समाज बहुत गहराई तक धार्मिक समाज है। वहां हिंदुत्व की जड़ें बहुत मजबूत हैं। कांग्रेस के नेता जातियों की गिनती का कार्ड चल कर कांग्रेस उसमें सेंध लगाने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस के पास दूसरा मुद्दा महिला आरक्षण का है, जिसमें ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं की गई है। इस आधार पर भी भाजपा को पिछड़ा विरोधी बताने का अभियान चल रहा है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेता मान रहे हैं कि कार्य समिति की बैठक करके इन दोनों मामलों में कोई प्रस्ताव पास किया जाए और चुनाव में उसका प्रचार किया जाए तो कांग्रेस को उसका फायदा होगा। हालांकि यह पता नहीं है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और सीएम पद के दावेदार कमलनाथ इसके लिए कितना तैयार होंगे। वे जाति का कार्ड खेलने की बजाय नरम हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे हैं और भाजपा नेताओं से ज्यादा बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के चरणों में लोट लगा रहे हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों जगह कांग्रेस का पिछड़ा मुख्यमंत्री है। सो, इन राज्यों में कांग्रेस अपना एजेंडा चला सकती है।

NI Political Desk

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