Thursday

24-04-2025 Vol 19

उपचुनावों में प्रतिष्ठा की लड़ाई

सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। नतीजे 13 जुलाई को आएंगे। इनमें से कई या लगभग सारे उपचुनाव प्रतिष्ठा वाले हैं। तभी सभी पार्टियों ने पूरा जोर लगा कर चुनाव लड़ा है। बिहार की रूपौली सीट सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा वाली सीट बन गई है, जहां प्रचार के लिए नीतीश कुमार भी गए और तेजस्वी यादव भी गए। नीतीश के साथ राज्य के दोनों उप मुख्यमंत्री भी प्रचार में गए। यह चुनाव प्रतिष्ठा वाला इसलिए बना है क्योंकि नीतीश की पार्टी छोड़ने वाली बीमा भारती को तेजस्वी ने उम्मीदवार बनाया है। वे विधानसभा से इस्तीफा देकर लोकसभा चुनाव भी राजद की टिकट से लड़ी थीं लेकिन उन्हें महज 27 हजार वोट मिले। अपनी विधानसभा रूपौली में उनको महज 10 हजार वोट मिले थे। फिर भी तेजस्वी ने उनको टिकट दिया है। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी वहां एक फैक्टर हैं। नीतीश अपने अति पिछड़े वोट बैंक को आजमा रहे हैं तो लालू और तेजस्वी बीमा भारती की गंगोता जाति के पीछे अपना यादव और मुस्लिम जोड़ कर जीतने की उम्मीद कर रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश में तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे से खाली सीटों पर उपचुनाव हुआ है और कांग्रेस व भाजपा दोनों ने पूरा जोर लगाया। इन सीटों के नतीजों से सरकार की स्थिरता का अंदाजा लगेगा। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 40 सीटें जीती थीं, जो अब 38 हो गई हैं। अगर इन तीन में उसे सीट नहीं मिलती है तो सरकार पर खतरा बना रहेगा। इसी तरह पश्चिम बंगाल की चार सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। इन चारों सीटों पर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने पूरा जोर लगा कर चुनाव लड़ा। लोकसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा और कई तरह के सांप्रदायिक विवादों के बीच हुए इस चुनाव में भाजपा को उम्मीद है कि वह ममता बनर्जी को झटका दे सकती है। बाकी मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड और पंजाब में रूटीन का चुनाव है। वहां उपचुनाव को लेकर ज्यादा चर्चा नहीं हुई।

NI Political Desk

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