पता नहीं केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के अधिकारी और कर्मचारी क्या सोचते हैं, जब उनको किसी नए विपक्षी नेता के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश मिलता है? लेकिन आम लोगों के लिए तो यह मजाक का विषय बन गया है। साधारण नागरिक भी समझ गया है कि ईडी की गाड़ी निकलेगी तो किसी न किसी विपक्षी नेता के घर पर ही रूकेगी।
फिर चाहे वह नेता कांग्रेस का हो या लेफ्ट पार्टियों का हो या आम आदमी पार्टी का हो या किसी दूसरी प्रादेशिक पार्टी का हो। यह बात आंकड़ों से भी प्रमाणित है और अदालतों की टिप्पणियों में भी कई बार यह सुनने को मिला है। लेकिन पिछले एक दो हफ्ते में ईडी ने जो कार्रवाई की है उसमें लेफ्ट, राइट और सेंटर सभी तरह की पार्टियों के नेताओं को निशाना बनाया गया है। भाजपा और उसकी मौजूदा सहयोगी पार्टियों को छोड़ कर सब निशाने पर हैं।
लेफ्ट की बात करें तो ईडी का शिकंजा केरल के मुख्यमंत्री और सीपीएम के वरिष्ठ नेता पिनरायी विजयन की बेटी टी वीना पर कस रहा है। केंद्र सरकार के कंपनी मामलों के मंत्रालय ने मुकदमे की मंजूरी दे दी है और ईडी जल्दी ही उनके ऊपर धनशोधन का मुकदमा दर्ज करने वाली है। राइट की बात करें तो अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार निशाने पर है। आप के विधायक कुलतार सिंह के यहां ईडी ने छापा मारा है।
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ईडी ने धनशोधन से जुड़े एक मामले में मंगलवार, 15 अप्रैल को मोहाली के विधायक कुलतार सिंह के यहां छापा मारा। सेंटर की बात करें तो कांग्रेस के राजस्थान के बड़े नेता और अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे प्रताप सिंह खाचरियावास के यहां मंगलवार को ही ईडी ने छापा मारा। ज्यादा दिन नहीं बीते, जब छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के महासचिव भूपेश बघेल के यहां ईडी ने छापा मारा था।
कांग्रेस में तो सोनिया व राहुल गांधी पर ही ईडी का शिकंजा कस रहा है और सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा से लेकर डीके शिवकुमार तक कांग्रेस के अनगिनत नेताओं पर भी ईडी की तलवार लटकी हुई है।