केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की भूमिका को लेकर सस्पेंस बढ़ गया है। पिछले कुछ दिनों से इस बात की चर्चा हो रही थी कि दो केंद्रीय मंत्रियों- धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव को संगठन में भेजा जाएगा और बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। इस बीच भूपेंद्र यादव को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का प्रभारी बना दिया गया। उनके अलावा कुछ और मंत्री भी चुनावी राज्यों में प्रभारी बनाए गए हैं। प्रहलाद जोशी को राजस्थान का प्रभारी बनाया गया है तो मनसुख मंडाविया को छत्तीसगढ़ का सह प्रभारी बनाया गया है। लेकिन धर्मेंद्र प्रधान को किसी चुनावी राज्य की जिम्मेदारी नहीं मिली है।
इससे पहले अक्सर चुनाव के समय धर्मेंद्र प्रधान कोई न कोई जिम्मेदारी निभाते थे। पिछले ही साल उन्होंने उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और महत्वपूर्ण राज्य में चुनाव प्रभारी की भूमिका निभाई थी। तभी यह सस्पेंस है कि इतने अहम चार राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधान की क्या भूमिका होगी? बताया जा रहा है कि चुनाव प्रभारी नहीं बनाया गया है तो इसका मतलब है कि उनको जेपी नड्डा के संगठन में कोई अहम पद मिलेगा। अभी जिनको चुनाव प्रभारी बना दिया गया वे सरकार में रहेंगे लेकिन संगठन मे जाने के बाद प्रधान को मंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है। कहा जा रहा है कि अगले साल उनको पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है।