Sandeep Dixit: अरविंद केजरीवाल को माफी मांगने में कोई समस्या नहीं होती है। उनको अब आदत हो गई है। उन्होंने इतने लोगों से माफी मांगी है कि शायद उनके पास भी रिकॉर्ड न हो।
उन्होंने अपनी राजनीति शुरू की थी देश के तमाम नेताओं के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगा कर और उसके बाद एक एक करके सबसे माफी मांगते गए।
उन्होंने जितने लोगों के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, उनमें से लगभग सब से लिखित या मौखिक माफी मांगी है।
जिन लोगों ने उनके आरोपों की अनदेखी कर दी और उनके ऊपर मुकदमा नहीं किया, उनसे माफी नहीं मांगनी पड़ी लेकिन उन्हीं के लोगों के साथ इन दिनों केजरीवाल राजनीति भी कर रहे हैं।
यानी जितने लोगों पर उन्होंने आरोप लगाए थे या तो उनसे माफी मांग ली है या उनके साथ गठबंधन करके चुनाव लड़े हैं और आगे लड़ने वाले हैं।
एक समय के बाद उन्होंने स्पेसिफिक आरोप लगाने बंद कर दिए थे। वे गोलमोल आरोप लगाते थे।
जैसे यह कह देते थी भाजपा ऑपरेशन लोटस चला रही है और करोड़ों रुपए देकर विधायक खरीदने की कोशिश कर रही है। लेकिन यह कभी नहीं बताया कि किसने फोन किया या कौन मिला या किसने पैसे का ऑफर दिया।
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सो, गोलमोल आरोपों पर कोई क्या मुकदमा करेगा। परंतु जब उनकी अपनी नई दिल्ली सीट कड़े मुकाबले में फंसी है और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने उनको घेरा है तो केजरीवाल ने घबराहट में उनके ऊपर निजी आरोप लगा दिए।
कह दिया कि संदीप दीक्षित के चुनाव का खर्च भाजपा दे रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को जिताने के लिए दीक्षित चुनाव लड़ रहे हैं। यह राजनीतिक बात थी, इससे समस्या नहीं हुई।
लेकिन खर्च के पैसे भाजपा दे रही है, इस बात पर संदीप नाराज हुए और केजरीवाल के साथ साथ यह आरोप लगाने वाली मुख्यमंत्री आतिशी पर भी मुकदमा करने की चेतावनी दी।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल अपनी बात के सबूत दें या माफी मांगें नहीं तो वे मुकदमा करेंगे। सबूत तो केजरीवाल के पास कभी भी किसी चीज के नहीं रहे हैं इसलिए निश्चित संभावना यही है कि वे माफी मांगेंगे। लेकिन हो सकता है कि चुनाव के बाद माफी मांगें।