दिल्ली में अरविंद केजरीवाल अपनी नई दिल्ली सीट पर फंसे हैं तो मनीष सिसोदिया जंगपुरा सीट पर। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस ने ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं, जिनकी वजह से आप को बड़ा नुकसान हो सकता है। अगर कांग्रेस उम्मीदवार जीतते नहीं हैं तब भी केजरीवाल और सिसोदिया का खेल बिगाड़ सकते हैं। इन दोनों के अलावा मुख्यमंत्री आतिशी भी कालकाजी सीट पर मुश्किल लड़ाई में फंसी हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि उन्होंने या उनकी टीम ने यह नहीं सोचा था कि भाजपा रमेश बिधूड़ी को उस सीट पर उतार देगी। पहले कहा जा रहा था कि बिधूड़ी अपनी पारंपरिक तुगलकाबाद सीट से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन उनके कालकाजी से चुनाव लडने से सारे समीकरण बदल गए हैं।
आतिशी के करीबी जानकारों का कहना है कि जब बिधूड़ी ने आतिशी के उपनाम को लेकर टिप्पणी की और प्रियंका गांधी वाड्रा पर भद्दा कमेंट किया तो आप ने एक रणनीति के तहत इसे बड़ा मुद्दा बनाया। बाद में आतिशी ने यहां तक कहा कि बिधूड़ी को भाजपा ने दिल्ली में मुख्यमंत्री का दावेदार बनाया है। सबको पता है कि यह बात गलत है। इसके बावजूद आतिशी ने ऐसा बयान दिया तो उसके दो कारण बताए जा रहे हैं। पहला तो यह कि आतिशी ने इस बयान से भाजपा पर दबाव बनाया कि वह बिधूड़ी की टिकट काटे नहीं तो पूरी दिल्ली में महिला वोट का नुकसान होगा। दूसरा कारण यह है कि नई दिल्ली में केजरीवाल के खिलाफ लड़ रहे प्रवेश वर्मा पर से ध्यान हटे। क्योंकि अगर यह धारणा बनी कि भाजपा की सरकार बनने पर प्रवेश वर्मा मुख्यमंत्री हो सकते हैं तो केजरीवाल की लड़ाई और कमजोर होगी।