Arvind Kejriwal: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने वैसे तो पिछले दो महीने में एक एक करके आठ घोषणाएं की हैं लेकिन रविवार की सुबह जो अनोखी घोषणा उन्होंने की वह कमाल की है।
केजरीवाल जब मीडिया के सामने आए और संजय सिंह के साथ डायस बैठ कर अपने वादे का ऐलान किया तो सबसे पहले टेलीविजन को बेहद लोकप्रिय शो ‘तारक मेहता का उलटा चश्मा’ की दयाबेन का ध्यान आया।
दयाबेन अक्सर ऐसी मन्नतें मानतीं, जिनमें उनको खुद कुछ नहीं करना होता था।(Arvind Kejriwal)
मिसाल के तौर पर उनका बेटा टपू परीक्षा में पास हो जाएगा तो टपू के पापा एक पैर खड़े होकर गणेश जी की पूजा करेंगे या टपू का पापा उलटा चल कर सिद्धविनायनक मंदिर जाएंगे।
केजरीवाल ने कुछ इसी तरह का वादा दिल्ली के सफाई कर्मचारियों और उसके बाद बाकी सरकारी कर्मचारियों को आवास देने के मामले में किया है।
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केजरीवाल का कहना है कि केंद्र सरकार जमीन दे दे और बैंक लोन दे दें तो वे सफाई कर्मचारियों के लिए घर बनवा देंगे, जिसकी कीमत धीरे धीरे किस्तों में सफाई कर्मचारी चुका देंगे।
सोचें, इस वादे में केजरीवाल या उनकी सरकार की क्या भूमिका है? क्या सिर्फ ठेकेदार वाली भूमिका नहीं है?
उन्होंने कहा कि दिल्ली में जमीन केंद्र सरकार की है इसलिए केंद्र सरकार ‘हाईली सब्सिडाइज्ड रेट’ यानी लगभग मुफ्त में जमीन दे दे तो वे घऱ बनवा देंगे, जिसका पैसे किस्तों में सफाई कर्मचारी चुका देगा।
एक महान वादे के तौर पर घोषित इस योजना में जमीन केंद्र सरकार की होगी, निर्माण का पैसा बैंकों से आएगा या किसी और वित्तीय संस्था से आएगा या राज्य सरकार भी दे सकती है, जिसका भुगतान किस्तों में सरकारी कर्मचारी करेगा।
सवाल है फिर दिल्ली सरकार क्या करेगी? दिल्ली सरकार इमारत बनाने का ठेका बांटेंगी, जिसमें कमीशनखोरी से इनकार नहीं किया जा सकता है।
लेकिन इसी भूमिका के लिए उन्होंने उन्होंने अपने को सफाई कर्मचारियों के मसीहा के तौर पर पेश किया।