BJP delhi CM : दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री परवेश वर्मा भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। उन्होंने नई दिल्ली सीट पर आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराया है।
इससे पहले शीला दीक्षित को हरा कर ही केजरीवाल मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन वे अपनी पार्टी के सुप्रीमो हैं। परवेश वर्मा के साथ ऐसा नहीं है। उनको भाजपा आलाकमान की कृपा से मुख्यमंत्री बनना है।
आप सुप्रीमो और मुख्यमंत्री पद के दावेदार केजरीवाल को हराने के अलावा परवेश वर्मा के पक्ष में यह बात भी है कि दिल्ली की लगभग सभी जाट बहुल सीटों पर भाजपा जीती है।(BJP delhi CM)
हरियाणा के साथ लगती सभी सीटों पर भी भाजपा चुनाव जीत गई है। लेकिन दिल्ली की 17 पूर्वांचल बहुल सीटों में से 14 पर भी भाजपा जीती है। सो, पूर्वांचल के नेताओं का दावा अलग बन रहा है।
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अन्य जाति का मुख्यमंत्री ज्यादा फायदेमंद(BJP delhi CM)
जानकार सूत्रों के मुताबिक परवेश वर्मा को लेकर भाजपा आलाकमान की दो दुविधा है। पहली तो यह है कि पूर्वोत्तर के एक दो राज्यों को छोड़ दें तो अभी तक पार्टी ने किसी पूर्व मुख्यमंत्री या किसी बड़े नेता के बेटे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया है।
छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के बेटे को भाजपा आलकमान ने राजनीति से दूर ही कर दिया तो हिमाचल प्रदेश में भी अनुराग ठाकुर की दावेदारी सिरे नहीं चढ़ रही है। वसुंधरा राजे के बेटे को दुष्यंत सिंह चौथी बार लोकसभा का चुनाव जीते हैं लेकिन मंत्री नहीं बन पाए हैँ।
अगर मोदी और शाह किसी पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे को मुख्यमंत्री बनाते हैं तो कांग्रेस पर वंशवाद के आरोपों को लेकर उनका हमला कमजोर पड़ेगा।(BJP delhi CM)
उनकी दूसरी दुविधा यह है कि हरियाणा में गैर जाट राजनीति की जमीन को मजबूत रखना है तो ओबीसी, दलित या किसी और जाति का मुख्यमंत्री बनाना ज्यादा फायदे का हो सकता है।
हालांकि इन दो बातों के अलावा ढेर सारी बातें परवेश वर्मा के पक्ष में हैं। परंतु भाजपा में इन दिनों अच्छी बातों पर मुख्यमंत्री नहीं चुने जाते हैं।(BJP delhi CM)