congress vote politics: राहुल गांधी और उनके राजनीतिक सलाहकार कांग्रेस को पूरी तरह से पिछड़े, दलित और मुस्लिम वोट की पार्टी बनाने की प्रतिबद्धता में काम कर रहे हैं और यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी के संबंध सहयोगी पार्टियों से बिगड़ते जा रहे हैं।
असल में ज्यादातर प्रादेशिक पार्टियों ने कांग्रेस का पिछड़ा, दलित और मुस्लिम वोट तोड़ कर ही अपने को मजबूत बनाया है। तभी उनको लग रहा है कि अगर यह वोट कांग्रेस की ओर लौटता है तो उनको नुकसान होगा।
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से लेकर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और दिल्ली में आम आदमी पार्टी तक सबकी एक ही चिंता है। यही कारण है कि सपा और तृणमूल ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी का समर्थन किया।
हालांकि राजद ने अपने को इससे दूर रखा क्योंकि बिहार में इसी साल चुनाव होने वाले हैं और राजद को वहां कांग्रेस की जरुरत है।(congress vote politics)
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कांग्रेस के अपने नए राजनीतिक सिद्धांत
कांग्रेस इन पार्टियों की परवाह छोड़ कर अपने नए राजनीतिक सिद्धांत के हिसाब से काम कर रही है। इसी सिद्धांत के तहत राहुल गांधी बुधवार, पांच फरवरी को बिहार गए।
पटना में उन्होंने दलित नेता जगलाल चौधरी की जयंती से जुड़े कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वे जगलाल चौधरी का नाम भी गलत बोल रहे थे लेकिन कांग्रेस को यह मैसेज देना था कि वह दलितों का सम्मान करती है।(congress vote politics)
इसके लिए जगलाल चौधरी को इसलिए आईकॉन चुना गया क्योंकि वे बिहार के पहले दलित कैबिनेट मंत्री थे। बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की सरकार में वे मंत्री बने थे।
उन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी थी और एमबीबीसी की पढ़ाई छोड़ कर आंदोलन में शामिल हुए थे। वे पासी समाज से आते हैं। एक समय वे बाबू जगजीवन राम के कद के नेता माने जाते थे।
ध्यान रहे जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार कांग्रेस के साथ हैं और अब कांग्रेस जगलाल चौधरी के जरिए पासी समाज को भी जोड़ने की कोशिश कर रही है।(congress vote politics)
एनडीए के लिए मुश्किल(congress vote politics)
कुछ दिन पहले कांग्रेस के बिहार के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने दिल्ली में कई नेताओं को कांग्रेस में शामिल कराया था। उनमें पसमांदा मुस्लिम समाज की राजनीति करने वाले अली अनवर के साथ दो दलित नेता जगदीश प्रसाद और भगीरथ मांझी शामिल थे।
भगीरथ मांझी बिहार और पूरे देश में माउंटनमैन के नाम से मशहूर दशरथ मांझी के बेटे हैं। कांग्रेस की सहयोगी पहले से मुस्लिम और यादव समीकरण पर राजनीति करती है लेकिन कांग्रेस ने अपनी अलग राजनीति की, जो अली अनवर को शामिल कराया।
ध्यान रहे बिहार में मुस्लिम और यादव यानी माई समीकरण का 32 फीसदी वोट है और दलित वोट 20 फीसदी है। अगर राहुल, मल्लिकार्जुन खड़गे और लालू यादव की राजनीति कामयाब होती है तो एनडीए के लिए मुश्किल हो सकती है।(congress vote politics)
लेकिन साथ ही ‘इंडिया’ ब्लॉक के अंदर भी सारी चीजें ठीक नहीं रहेंगी। राजद का प्रयास है कि कांग्रेस को कम सीटें दी जाएं, जबकि लगातार राहुल गांधी के दौरे और नई राजनीति के जरिए कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ने की अपनी दावेदारी छोड़ने के मूड में नहीं है। इस मसले पर आने वाले दिनों में टकराव बढ़ेगा।