एक देश, एक परीक्षा एजेंसी की सोच में बनाई गई नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए का रोज तमाशा बन रहा है। एजेंसी ने इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए जेईई मेंस के नतीजे शनिवार, 20 अप्रैल को जारी किया। पहले इसे 19 अप्रैल तक जारी करने की बात कही गई थी लेकिन जिस दिन नतीजे जारी करने की बात की उस दिन यानी 19 अप्रैल को एजेंसी ने फाइनल आंसर की जारी की। इससे एक दिन पहले 18 अप्रैल को एजेंसी ने आंसर की जारी की और थोड़ी देर बाद ही उसे हटा लिया। एजेंसी ने परीक्षा के बाद जो प्रोविजनल आंसर की जारी की थी उसमें छात्रों और शिक्षकों ने अनेक गलतियां बताईं। इसके बाद फाइनल आंसर की का इंतजार करने को कहा गया। जब फाइनल आंसर की जारी हुई तो पता चला कि 11 सवालों में गड़बड़ी हुई है।
एनटीए ने एक सवाल पूरी तरह से हटा दिया, जबकि छह सवालों के जवाब बदले यानी पहले जिस जवाब को सही माना गया था वह सही नहीं था। इसके अलावा चार सवालों के विकल्प सही माने गए। यानी में दो में से कोई भी जवाब दिया है तो उसे सही माना जाएगा। एकदम ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के फिफ्टी फिफ्टी की तरह खेल हो गया। बताया जा रहा है कि एनटीए इतनी गंभीर और प्रतिष्ठित परीक्षा में सवाल तय करने के पुराने सिस्टम को बदल दिया है। पहले कई विशेषज्ञों से सवाल बनवाए जाते थे और उनमें से रैंडम चुन कर सवालों के सेट तैयार होते थे। अब ज्यादातर काम मशीन के जरिए कराया जा रहा है। इसी वजह से हर परीक्षा में सवाल गलत हो रहे हैं और नतीजे आने में देरी हो रही है। अभी तक एनटीए ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पीजी की कक्षाओं में दाखिले के लिए हुई सीयूईटी पीजी के आंसर की नहीं जारी किए हैं। पिछले साल मेडिकल दाखिले के लिए हुई नीट परीक्षा में जो गड़बड़ी हुई वह सबको पता है।