पांच साल पहले दिल्ली में हुए दंगों की चपेट में आई मुस्तफाबाद सीट भी भारतीय जनता पार्टी जीत गई है। भाजपा न सिर्फ जीती है, बल्कि जीत का अंतर भी ठीक ठाक रहा। मुस्लिम बहुल इस सीट को लेकर काफी विवाद हुआ था। भाजपा ने करावल नगर के कई बार के विधायक मोहन सिंह बिष्ट की टिकट काट दी थी और उनकी जगह कपिल मिश्रा को चुनाव लड़ाया था। लेकिन इसके बाद बहुत विवाद हुआ। उत्तराखंड के लोग और राजपूत समाज के रोष के बाद भाजपा ने 24 घंटे के भीतर मोहन सिंह बिष्ट को मुस्तफाबाद से उम्मीदवार बनाया। भाजपा ने सिर्फ उनके नाम की सूची जारी की। उस सीट पर आप से आदिल अहमद खान, एमआईएम से ताहिर हुसैन और कांग्रेस से अली मेंहदी चुनाव लड़े। इस सीट पर एमआईएम और कांग्रेस के वोट काटने का सीधा फायदा भाजपा को हुआ। इतनी संवेदनशील सीट पर भी मुस्लिम वोट बुरी तरह से बंटे।
मुस्तफाबाद भी जीत गई भाजपा
रियल पालिटिक्स
February 09, 2025

NI Political Desk
Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.
Related Posts
कौन पंक्चर कर रहा है नीतीश को?
विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई और 23 जून को पटना में हुई पहली बैठक के वे कर्ता-धर्ता थे लेकिन बेंगलुरू में उनकी पूछ नहीं...
माहताब इंतजार ही करते रहे!
बीजू जनता दल से भाजपा मे शामिल हुए भ्रतृहरि माहताब को 18वीं लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। वे लगातार सात बार चुनाव जीते हैं इसलिए उनको यह...
मायावती अब चंद्रशेखर के लिए चुनौती रहेंगी
mayawati bsp : मायावती इसी बात से परेशान हुईं। उनको लगा कि आकाश और चंद्रशेखर के मुकाबले में आकाश हार जाएंगे और पार्टी खत्म हो जाएगी।
जदयू की झारखंड राजनीति क्या है?
नीतीश के हिसाब से भाजपा की राजनीति चल रही है। लेकिन क्या झारखंड में भी भाजपा उनकी बात मानेगी?
आरिफ मोहम्मद को बिहार भेजने का मतलब
केरल की कम्युनिस्ट सरकार की नाक में दम करने के बाद अब आरिफ मोहम्मद खान बिहार राजभवन में विराजेंगे।
केजरीवाल को सीबीआई ने नहीं गिरफ्तार किया
केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर विचार के लिए तैयार हो गया है। ऐसे में क्या सीबीआई गिरफ्तारी का कदम उठा सकती है?
टीडीपी एक और राज्यसभा सीट भाजपा को देगी
चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगू देशम यानी टीडीपी को लेकर कुछ भी कहा जाए, कम से कम अभी ऐसा लग रहा है कि उसका भाजपा के साथ परफेक्ट तालमेल...
पीएमएमएल से स्मृति ईरानी का पुनर्वास
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पिछले साल लोकसभा चुनाव हारने के बाद पूरी तरह से शांत और राजनीति से लगभग दूर थीं।
विधानसभा में पति पत्नी की जोड़ी
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परिवारवाद पर हमला है और दूसरी ओर विधायिका में एक परिवार के कई सदस्यों की संख्या बढ़ते जाने की हकीकत है।
इधर खट्टर और उधर हुड्डा मालिक
भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर मालिक थे तो कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा मालिक थे।
कांग्रेस की कर्नाटक समस्या बढ़ रही है
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया खेमे का प्रयास सिर्फ इतना था कि डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनने से रोका जाए।
ट्रूडो की विदाई मोदी के कारण!
अगर सोशल मीडिया में चल रही चर्चाओं पर यकीन किया जाए तो कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की विदाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण हुई है।