mcd delhi BJP : दिल्ली सरकार गंवाने के बाद अब अरविंद केजरीवाल के हाथ से दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी की बागडोर भी निकलने वाली है।
पिछली बार ही मेयर के चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार महज तीन वोटों के अंतर से जीते थे, जबकि स्थायी समितियों के चुनाव में भाजपा ने उसको पीछे छोड़ दिया था।
अब दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने के बाद यह तय हो गया है कि एमसीडी भी उसके नियंत्रण में होगी। गौरतलब है कि अप्रैल में दिल्ली के मेयर का चुनाव होना है और इस बार आप के लिए अपना मेयर बनाना संभव नहीं होगा। इसका एक कारण कांग्रेस भी होगी। (mcd delhi BJP)
पिछली बार ही कांग्रेस ने मेयर के चुनाव में वोटिंग का बहिष्कार किया था। इस बार भी वह बहिष्कार करेगी या जिस तरह से दोनों पार्टियों ने आमने सामने का चुनाव लड़ा, उससे लगता है कि वह विरोध भी कर सकती है। ध्यान रहे चंडीगढ़ में कांग्रेस पार्षदों की क्रॉस वोटिंग की वजह से वहां आप का मेयर नहीं जीत सका।
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नगर निगम में दलबदल कानून नहीं (mcd delhi BJP)
बहरहार, दिल्ली की ढाई सौ सदस्यों वाली एमसीडी में इस समय भाजपा के 112 सदस्य हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के 119 और कांग्रेस के आठ सदस्य हैं।
10 सीटें खाली हो गई हैं क्योंकि भाजपा के आठ और आम आदमी पार्टी के दो पार्षद इस बार चुनाव लड़ कर विधायक हो गए हैं। (mcd delhi BJP)
सो, 240 के सदन में आप और कांग्रेस के 127 सदस्य हैं। कायदे से उसे दिक्कत नहीं होनी चाहिए। लेकिन एमसीडी में दिल्ली के सात लोकसभा और तीन राज्यसभा सांसद भी वोट करते हैं।
इस तरह भाजपा के सात और आप के तीन वोट और जुड़ेंगे। इसके बाद विधानसभा के 70 विधायकों में से 14 विधायक भी मतदान करेंगे। ये सभी भाजपा के होंगे।
सो, भाजपा को वोट देने वालों की संख्या 133 हो जाएगी दूसरी ओर आप और कांग्रेस की संख्या 130 होगी। अगर कांग्रेस साथ छोड़ दे तो आप के पास 122 वोट बचेंगे। (mcd delhi BJP)
ऊपर से आप के अनेक पार्षद पाला बदलने के लिए तैयार बैठे हैं। चूंकि नगर निगम में दलबदल कानून लागू नहीं होता है इसलिए पार्षदों को सदस्यता गंवाने का खतरा भी नहीं है। सो, विधानसभा गंवाने के बाद आप को एक और बड़े झटके के लिए तैयार रहना चाहिए।