आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू तीन दिल्ली के दौरे पर थे और बताया जा रहा है कि उन्होंने केंद्र सरकार के सामने 13 लाख करोड़ रुपए का मांग पत्र रखा है। वे प्रधानमंत्री से मिले, केंद्रीय गृह मंत्री से मिले, 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष से मिले और कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। हर मंत्री के लिए उनके पास एक सूची थी। यह काम उन्होंने बिल्कुल सही समय पर किया। जिस समय बजट की तैयारी चल रही है उस समय उन्होंने वित्त मंत्री सहित तमाम मंत्रियों को अपना मांग पत्र सौंप दिया और कह भी दिया कि इनमें से कुछ ही घोषणा जुलाई में पेश होने वाले बजट में कर दी जानी चाहिए। गौरतलब है कि उनके 16 सांसद हैं और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बहुमत के लिए उनकी जरुरत है।
नायडू की तरह ही केंद्र सरकार को नीतीश कुमार के समर्थन की भी जरुरत है, जिनके लोकसभा में 12 सांसद हैं। लेकिन अभी तक नीतीश की ओर से कोई मांग पत्र भारत सरकार के सामने नहीं पेश की गई है। पिछले दिनों पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई तो नीतीश की पार्टी ने केंद्र को छूट देते हुए कहा कि अगर वह विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे सकती है तो विशेष पैकेज दे दे। लेकिन विशेष पैकेज किस काम के लिए चाहिए यह नहीं बताया गया है। अगर नायडू की तरह अपनी जरुरत के लिहाज से अलग अलग मंत्रालयों को मांग पत्र नहीं दी गई तो केंद्र सरकार पहले से चल रही सारी योजनाओं का पैसा जोड़ कर उसी को विशेष पैकेज बना देगी। ऐसा लग रहा है कि नीतीश की पार्टी की ओर से भाजपा के साथ समन्वय का काम देख रहे नेताओं ने सरेंडर किया हुआ है और सब कुछ भाजपे के हवाले छोड़ा है। उनके पास इस हफ्ते का समय है। अगले हफ्ते बजट छपने की शुरुआत हो जाएगी।