बिहार में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे वैसे राजनीति दिलचस्प होती जा रही है। अब लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा जाहिर की है और विधानसभा का चुनाव लड़ने की बात कही है। उनका एक इंटरव्यू चर्चा में है, जिसमें उन्होंने यह बात कही है। जब इस इंटरव्यू की बातें वायरल हुईं तो चिराग पासवान के बहनोई और उनकी पार्टी के सांसद अरुण भारती ने खुल कर कहा कि बिहार को युवा नेतृत्व की जरुरत है। उन्होंने राज्य सरकार के कामकाज पर सवाल भी उठाया और एक तरह से चिराग के विधानसभा का चुनाव लड़ने की खबरों की पुष्टि भी की। अब सवाल है कि चिराग पासवान का यह दांव किसको निशाना बना कर चला जा रहा है? क्या वे पिछली बार की तरह इस बार भी नीतीश कुमार को नुकसान पहुंचाने जा रहे हैं?
गौरतलब है कि पिछली बार वे एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़े थे और सिर्फ उन्हीं सीटों पर उम्मीदवार खड़ा किया था, जिन पर जनता दल यू लड़ रही थी। उनके लड़ने और परदे के पीछे से मिले भाजपा के समर्थन से वे नीतीश को तीसरे नंबर की पार्टी बनाने में कामयाब हुए थे। लेकिन इस बार भाजपा वैसा कोई जोखिम लेगी या चिराग को मनमानी करने देगी इसमें संदेह है। तभी कहा जा रहा है कि चिराग स्वतंत्र राजनीति करना चाहते हैं और उनकी नजर प्रशांत किशोर के साथ जाने पर है। ध्यान रहे प्रशांत किशोर अक्सर चिराग की तारीफ करते रहते हैं और चिराग भी उनकी तारीफ करते हैं। प्रशांत किशोर यह भी कहते हैं कि वे किसी दलित को बिहार का चेहरा बना सकते हैं। अगर दोनों साथ आते हैं तो लड़ाई दिलचस्प हो जाएगी। कई जानकार लोग कांग्रेस को भी इसमें जोड़ रहे हैं। अगर कांग्रेस इस गठबंधन में शामिल हुई तो राजद का सूपड़ा साफ होगा और लड़ाई एनडीए से हो जाएगी। लेकिन यह सब तब होगा, जब चिराग पासवान केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर बिहार में जमीन पर उतरेंगे। सिर्फ यह कहने से काम नहीं चलेगा कि उनका प्रदेश उनको बुला रहा है।