भारतीय जनता पार्टी और उसकी सहयोगी जनता दल यू दोनों बिहार चुनाव से पहले प्रवासी बिहारियों पर फोकस कर रहे हैं। भाजपा नेता और राज्य के वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने बजट पेश किया तो उसमें देश के कई बड़े शहरों में जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरू आदि में सेंटर बनाने की घोषणा की गई। कई शहरों में बिहार सरकार सेंटर बनाएगी, जहां प्रवासी बिहारियों की समस्याओं को दूर करने के उपाय किए जाएंगे। हालांकि बजट के इस प्रावधान को लेकर विपक्षी पार्टियों ने सवाल भी उठाया। सरकार पलायन रोकने की बजाय यह उपाय कर रही है कि राज्य छोड़ कर गए लोगों को छोटी मोटी सुविधा उपलब्ध कराया जाए। विपक्ष का यह भी कहना है कि भाजपा की केंद्र सरकार की रेलवे त्योहारों के समय बिहार के लोगों के सकुशल और आराम से अपने घर जाने की व्यवस्था नहीं कर पाती है तो और क्या ही कर पाएगी।
इस बीच यह भी खबर है कि देश के अनेक शहरों में स्नेह मिलन कराने की तैयारी हो रही है। एक भारत, श्रेष्ठ भारत स्नेह मिलने ऐसे तमाम शहरों में होगा, जहां बड़ी संख्या में प्रवासी बिहारी हैं। इसका आयोजन भारतीय जनता पार्टी करेगी। बिहार चुनाव से पहले देश और दुनिया भर में फैले बिहारियों को लुभाने का प्रयास चल रहा है। इसी प्रयास के तहत पिछले दिनों गुजरात में शाश्वत मैथिली सम्मान का आयोजन हुआ। उसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए। उन्होंने मैथिली भाषा में भाषण की शुरुआत की। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस गए तो वहां उन्होंने भोजपुरी में भाषण की शुरुआत की और भोजपुरी भाषा में सोशल मीडिया में पोस्ट लिखा। गौरतलब है कि बिहार में विधानसभा चुनाव नवंबर में होगा और इस साल अक्टूबर में छठ है, जब देश और दुनिया के बिहारी अपने गांव पहुंचते हैं। भाजपा चाहती है कि प्रवासी बिहार गांव लौटें तो भाजपा के नैरेटिव को समर्थन दें। इसलिए यह सब प्रयास किया जा रहा है।