भारतीय जनता पार्टी देश में बिहारियों का स्नेह मिलन करवा रही है। असम के तिनसुकिया में हालांकि स्थानीय लोगों के विरोध की वजह से इस आयोजन को टालना पड़ा लेकिन राजधानी दिल्ली से लेकर सुदूर बेंगलुरू तक में स्नेह मिलन कराया जा रहा है। बिहार दिवस के मौके पर 22 मार्च को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत स्नेह मिलन’ का आयोजन हुआ। कई राज्यों में सरकारी आयोजन हुए। ऐसी जगहों को इस आयोजन के लिए चुना गया, जहां प्रवासी बिहारियों की तादाद बढ़ी है और जहां वे राजनीतिक रूप से असरदार है। लेकिन इस आयोजन का मकसद उन राज्यों में बिहारियों को साथ जोड़ने से ज्यादा बिहार के चुनाव में उनको भाजपा के साथ जोड़ने का दिखाई दे रहा है।
इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है। उससे पहले भाजपा अपनी सहयोगी जनता दल से अलग स्वतंत्र रूप से अपनी राजनीति कर रही है। ध्यान रहे बिहार में कभी भी भाजपा का बहुत मजबूत आधार नहीं रहा है। इस बार वह प्रवासी बिहारियों के जरिए सद्भाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है। यह भी कहा जा रहा है कि इस बार छठ के दौरान बिहार का चुनाव होना है। छठ के लिए देश और दुनिया के बिहारी घर लौटते हैं। अगर भाजपा के स्नेह मिलन का असर होता है तो घर लौटने वाले प्रवासी भाजपा के लिए नैरेटिव बनाने का काम कर सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा चाहती है कि इस बार छठ के लिए घर जाने वाले बिहारी वहां रूकें और वोट डाल कर लौटें। अब यह देखना होगा कि छठ के मौके पर उनको घर पहुंचाने का कैसा बंदोबस्त रेलवे की ओर से किया जाता है।