अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। लेकिन सवाल है कि वे कब तक जेल में रह कर मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं? ध्यान रहे इसे लेकर कोई कानून नहीं है। खुद केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन के जेल में रहने पर महीनों तक उनको मंत्री बनाए रखा था। दूसरी, बात यह है कि अभी लोकसभा के चुनाव चल रहे हैं तो कोई नया कानून बन नहीं सकता है। तभी आम आदमी पार्टी के नेता आश्वस्त हैं कि केजरीवाल जेल में रह कर मुख्यमंत्री बने रहेंगे और सरकार चलाते रहेंगे। लेकिन उनके सामने जो चुनौती है वह न्यायपालिका की है। अगर किसी अदालत ने कोई निर्देश दिया तो उनके लिए मुश्किल हो सकती है। आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि अदालत का आदेश नहीं होगा। सिर्फ ऑब्जर्वेशन हो सकता है और उसके ऑब्जर्वेशन की अनदेखी की जा सकती है।
ध्यान रहे पिछले दिनों केजरीवाल का मुद्दा दिल्ली हाई कोर्ट के सामने था तब अदालत ने कहा था कि जेल जाने के बाद भी मुख्यमंत्री बने रहना केजरीवाल का निजी फैसला है। लेकिन साथ ही हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री लंबे समय तक या अनिश्चितकाल तक गैरहाजिर नहीं रह सकता है। ये दोनों बातें बहुत अहम हैं। केजरीवाल कब तक जेल में रहेंगे यह तय नहीं है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दी है। अगर इस पर उनको राहत नहीं मिलती है तो फिर निचली अदालत से लेकर ऊपर तक उनको जमानत के लिए दौड़ लगानी पड़ेगी और तब उनको लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है। अगर सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल जाए तो अलग बात है। ध्यान रहे यह पहली बार है, जब हाई कोर्ट ने कहा कि लंबे समय तक या अनिश्चितकाल तक सीएम गैरहाजिर नहीं रह सकता है। थोड़ा समय और उनका जेल में बीतता है तो हाई कोर्ट की इस टिप्पणी को लेकर कोई व्यक्ति, नेता या संस्था अदालत जा सकती है।