दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बहुत जल्दी में हैं। उनको किसी तरह से जमानत हासिल करके जेल से निकलना है क्योंकि उनको लग रहा है कि अगर ज्यादा समय तक वे जेल में रहे तो सरकार को खतरा हो सकता है। दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने साफ कर दिया है कि वे बहुत दिन तक जेल से सरकार चलाने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। दूसरे केजरीवाल को लग रहा है कि अभी हालात अनुकूल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के मामले में जमानत दे दी है और जमानत देते समय जो टिप्पणी की है उसका फायदा सीबीआई के केस में भी मिल सकता है। तभी उनकी पार्टी की ओर से कानूनी और राजनीतिक नैरेटिव गढ़ने की कोशिश तेज हो गई है।
उनकी आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर उनकी सेहत का मुद्दा बनाया है। पहले उनकी सेहत की चिंताओं को केंद्रीय एजेंसियों ने खारिज कर दिया था। उनका वजन कम होने की बात भी खारिज कर दी गई है। लेकिन अब आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि केजरीवाल का शुगर बढ़ रहा है। खासकर रात में सोते समय उनका शुगर लेवल बहुत बढ़ जा रहा है और खतरा है कि वे कोमा में जो सकते हैं। इससे एक तो आम जनता के बीच सहानुभूति बन रही है तो दूसरी ओर केंद्रीय एजेंसियों और अदालत पर भी दबाव बन रहा है। दबाव बढ़ाने की यह राजनीति आने वाले दिनों में तेज होगी।