पट्टाली मक्कल काटची यानी पीएमके नेता एस रामदॉस और उनके बेटे अंबुमणि रामदॉस के बीच विवाद के बाद तमिलनाडु में एक और पिता-पुत्र का विवाद शुरू हो गया है। इस बार एमडीएमके नेता वाइको और उनके बेटे के बीच विवाद हुआ है। यह कमाल की बात है कि जिस तरह महाराष्ट्र में चाचा-भतीजे का विवाद होता है वैसे तमिलनाडु में पिता-पुत्र का विवाद होता है। महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार में चाचा-भतीजे का विवाद हुआ तो पवार परिवार में भी हुआ और मुंडे परिवार में भी हुआ। इसी तरह तमिलनाडु में पिता-पुत्र का विवाद करुणानिधि परिवार में हुआ, रामदॉस परिवार में हुआ और अब वाइको परिवार में हो रहा है। कर्नाटक में देवगौड़ा परिवार में भी हो चुका है।
बहरहाल, तमिलनाडु में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वाइको के बेटे दुरई वाइको ने पार्टी के सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है और संगठन से अलग हो गए हैं। वे त्रिचि सीट से लोकसभा सांसद हैं और प्रधान सचिव हैं। उनके पिता वाइको पार्टी के संस्थापक और महासचिव हैं। हालांकि बेटे के इस्तीफे पर उन्होंने भी हैरानी जताई है। दुरई वाइको के इस्तीफे की चिट्ठी से ऐसा लग रहा है कि पार्टी के कुछ अन्य नेताओं की वजह से नाराज होकर उन्होंने इस्तीफा दिया है। लेकिन कहा जा रहा है कि पार्टी के अन्य नेताओं को उनके पिता की सरपरस्ती है और दुरई वाइको को लग रहा है कि ये लोग पार्टी की बदनामी का कारण बन रहे हैं। माना जा रहा है कि यह इस्तीफा पार्टी के कुछ लोग को हटवाने के लिए दबाव बनाने के मकसद से दिया गया है। गौरतलब है कि वाइको की पार्टी सत्तारुढ़ गठबंधन सेकुलर प्रोग्रेसिव अलायंस में शामिल है।