andhra politics : जिस तरह से महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिव सेना इस प्रयास में लगी है कि उसको मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा मिल जाए उसी तरह आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी भी कोशिश कर रही है।
महाराष्ट्र में तो उद्धव ठाकरे की पार्टी ने अपनी तरफ से भास्कर जाधव के नाम की सिफारिश कर दी कि इनको नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए। हालांकि ऐसा होने की संभावना कम ही दिख रही है। (andhra politics)
उधर आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस की ओर से भी सरकार और स्पीकर से अपील की गई है कि उसको मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा मिले। पिछले साल जून में आए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से वाईएसआर कांग्रेस ने दूसरी बार इसकी अपील की है।
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जगन को इन सबसे दूर ही रखेंगे नायडू (andhra politics)
असल में आंध्र प्रदेश की 175 सदस्यों की विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए 10 फीसदी यानी कम से कम 17 सीटों की जरुरत है। लेकिन जगन मोहन की पार्टी को इस बार चुनाव में सिर्फ 11 सीटें मिली हैं। (andhra politics)
इसलिए स्वाभाविक रूप से मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा नहीं मिलेगा। उनकी पार्टी ने दिल्ली की मिसाल दी है, जहां 70 सदस्यों की विधानसभा में सिर्फ तीन विधायक होने पर भी भाजपा को नेता प्रतिपक्ष का पद मिला था।
लेकिन आंध्र प्रदेश में ऐसा होने की संभावना इसलिए कम है क्योंकि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जगन के खिलाफ गांठ बांधी है। (andhra politics)
दूसरे वे नहीं चाहते हैं कि कोई नेता प्रतिपक्ष रहे क्योंकि नेता प्रतिपक्ष को कई नियुक्तियों में शामिल करना होता है और उसे सरकार के कामकाज से जुड़े जरूरी दस्तावेज भी देखने को मिलते हैं। जगन को इन सबसे दूर ही रखेंगे नायडू।