Friday

28-02-2025 Vol 19

आप का सारा नैरेटिव रामायण से

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के राममंदिर आंदोलन और जय श्रीराम के नारे के बरक्स अपने को हनुमान भक्त बता कर पहले ही पोजिशनिंग कर ली थी। लेकिन अब उसका पूरा नैरेटिव रामचरितमानस के प्रसंगों और पात्रों के ईर्द गिर्द बुना जा रहा है। सिर्फ केजरीवाल ही नहीं, बल्कि उनकी पार्टी के बाकी सारे नेता भी इसी तरह से काम कर रहे हैं। जैसे दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने को भरत की तरह बताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर कामकाज संभाला तो केजरीवाल जिस कुर्सी पर बतौर मुख्यमंत्री बैठते थे उसे खाली रखा। आतिशी उस कुर्सी के बगल में एक दूसरी कुर्सी लगा कर बैठीं और कहा कि वे भरत की तरह राज करेंगी। यानी जैसे भरत ने 14 साल तक खड़ाऊं रख कर अयोध्या का राज चलाया था वैसे ही आतिशी करेंगी। यानी वे भरत हैं और इस लिहाज से केजरीवाल राम हुए। भाजपा ने इस पर आपत्ति जताई है।

इससे पहले अरविंद केजरीवाल जब शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले के मामले में कई महीने जेल में रहने के बाद तिहाड़ जेल से छूटे तो उन्होंने भी कहा था कि वे राम की तरह वनवास में जाएंगे। यानी केजरीवाल ने खुद ही पहले यह भूमिका बना दी थी कि वे इस्तीफा दें तो उसको वनवास माना जाए और उनकी जगह जो मुख्यमंत्री बने वह खड़ाऊं रख कर राज करे। सो, आतिशी ने उस मैसेज को ग्रहण किया और केजरीवाल को राम बना कर खुद भरत बन गईं। केजरीवाल जेल से छूटने के बाद इतने पर ही नहीं रूके थे उन्होंने अपने इस्तीफे को सीता की अग्नि परीक्षा जैसा भी बताया। यानी वे सिर्फ भगवान राम की तरह नहीं हैं, बल्कि सीता की तरह भी हैं, जिन्हें झूठे आरोपों में अग्नि परीक्षा देनी पड़ रही है। राम, सीता और भरत के साथ साथ हनुमान जी भी केजरीवाल के राजनीतिक नैरेटिव का अनिवार्य हिस्सा हैं। चुनाव हो, जन्मदिन हो, जेल से रिहाई हो हर मौके पर केजरीवाल दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित हनुमान मंदिर जाते हैं। उनकी पार्टी ने तो एक बार पूरी दिल्ली में हर मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ भी शुरू कराया था। हालांकि बाद में उनका उत्साह थोड़ा कम हो गया।

NI Political Desk

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