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09-03-2025 Vol 19

ट्रंप के लिए मस्क का पाखंड!

क्या होता है जब कुबेरपति राजनीति में अपनी टांग फंसाने लगते है? बेशक, अराजकता फैलती है और उथलपुथल मचती है।

चुनावों के इस मौसम में वैश्विक खरबपति एलन मस्क, ट्रंप सहित दुनिया भर के तानाशाह नेताओं के साथ खड़े दिख रहे हैं। पिछले महीने उन्होंने सार्वजनिक रूप से ट्रंप का समर्थन किया। पिछले साल ट्विटर (जिसे उन्होंने नया नाम एक्स दिया है) को खरीदने के कुछ ही दिनों बाद मस्क ने ट्रम्प का ट्विटर एकाउंट बहाल कर दिया था। और हाल में उन्होंने अपनी कंपनी में एक ऐसे रिपब्लिकन कार्यकर्ता को नियुक्त किया है जिसे मैदानी कामों में विशेषज्ञता हासिल है जो ट्रम्प समर्थक मतदाताओं को उनके घरों से निकाल कर उनके वोट डलवाने का काम करेगा।

मस्क तकनीकी दुनिया के खरबपति हैं। वे टेस्ला, स्पेसएक्स और एक्स के मालिक हैं। उन्हें फालो करने वालों की संख्या बहुत बड़ी है और कुछ विशिष्ट वर्गों में उन्हें चाहने वाले बहुत लोग है। जबसे वे ट्विटर के मालिक बने हैं, तब से यह प्लेटफार्म राजनीतिक चर्चा का सबसे बड़े सोशल प्लेटफार्मों में से एक बन गया है। एक्स झूठ और उग्रवादी विचारों के प्रसार का भी एक प्रमुख मंच बना है। उग्रवादी सोच जंगल की आग से भी ज्यादा तेजी से फैलती है। हाल के कुछ महीनों से मस्क स्वयं भी झूठ और उग्रवादी सोच फैलाने के लिए इस प्लेटफार्म का निरंतर उपयोग कर रहे हैं।

सेंटर फॉर काउटरिंग डिजीटल हेट द्वारा जारी एक नई रपट के अनुसार स्वयं मस्क ने इस वर्ष चुनाव से जुड़े हुए 50 से ज्यादा झूठे दावे करने वाले पोस्ट किए हैं, जिनका कुल व्यू 1.20 अरब है। उनमें से किसी के साथ एक्स का “कम्युनिटी नोट” नहीं था, जिसके बारे में माना जाता है कि वह एक्स की फैक्ट चैक प्रणाली द्वारा ट्वीटस के साथ संलग्न किया जाता है। उन्होंने कमला हैरिस के पहले चुनाव अभियान वीडियो का एक छेड़छाड़ किया गया संस्करण पोस्ट किया जिसमें हैरिस जैसी आवाज़ में कोई कह रहा था कि देश कैसे चलाया जाता है, इस बारे में वे कुछ भी नहीं जानती हैं और उन्हें सिर्फ इसलिए चुनाव लड़ने के लिए चुना गया है क्योंकि वे विविधता का प्रतिनिधित्व करती हैं। मस्क ने उस वीडियो पर ‘अमेजिंग’ (गज़ब है) का टैग लगाया। अब तक उसे करोड़ों व्यू मिल चुके हैं। और यही मस्क चाहते थे।

ऐसी खबरें हैं कि ब्रिटेन में हाल में गर्मी के मौसम में हुए दंगों को भड़काने में भी मस्क की भूमिका थी। एक्स ने स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों पर हुए घातक हमले की झूठी खबर फैलाई। इसके अलावा, मस्क ने सार्वजनिक रूप से न केवल जनता द्वारा चुने गए नेता को चुनौती दी बल्कि अपने एक्स प्लेटफार्म के जरिए उनकी पकड़ को कमजोर करने का प्रयास किया और हिंसा उकसाई। उन्होंने नफरत फैलाने वालों को उनकी झूठी बातें फैलाने दी और उन्हें री-ट्वीट भी किया। जाहिर है कि ऐसा कर वे यह जतला रहे थे कि वे उन बातों को सही मानते हैं। उन्होंने यह भी लिखा कि “गृहयुद्ध अवश्यंभावी है”। ऐसा बताया जाता है कि पिछले 10 महीने में कम से कम आठ बार मस्क आने वाले समय में इमीग्रेशन के मुद्दे पर गृहयुद्ध भड़कने की भविष्यवाणी कर चुके हैं।

मस्क ने अपनी ‘ट्रस्ट एंड सेफ्टी टीम’ के कम से कम आधे सदस्यों को बर्खास्त कर दिया है। अल पायस द्वारा पिछले वर्ष प्रकाशित एक रपट में बताया गया कि ट्विटर ने तानाशाह शासकों के उन्हें पसंद न आने वाले ट्विटस को हटाने के 83 प्रतिशत अनुरोधों को स्वीकार किया है। तुर्की में मतदान के मात्र दो दिन पहले राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान विरोधी सारे एकाउंटस को ब्लाक कर दिया गया। इसी तरह, भारत में ट्विटर ने बीबीसी की उस डाक्यूमेंट्री से जुड़ी सामग्री को हटा दिया जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सख्त आलोचना की गई थी। यह है अभिव्यक्ति की आजादी के हामी होने का दावा करने वाले मस्क की हकीकत!

मस्क के ट्विटर को खरीदने के पहले ट्विटर ऐेसे केवल 50 प्रतिशत अनुरोधों को स्वीकार करता था।  यह बात कंपनी की पिछली ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट में भी कही गयी है। लेकिन मस्क के दौर में यह प्रतिशत बढ़कर 83 हो गया है।

मस्क अपनी सत्ता के मद में झूम रहे हैं। उनके निर्णयों और कार्यों से बार-बार यह स्पष्ट होता है कि वे पाखंडी हैं। उनके लिए विश्वास जैसी कोई चीज़ नहीं है और उन्हें लगता है कि सेंसरशिप सबसे बेहतर है। उनका मानना है कि दौलत से सत्ता को खरीदा जा सकता है और सरकारों को प्रभावित किया जा सकता है। हालांकि मस्क ने इसी महीने अटलांटिक को बताया कि उन्हें 2024 के चुनावों का नतीजा मंजूर होगा बशर्ते “यदि चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए जाएं, तो उनकी ठीक से जांच हो और उन्हें प्रथम दृष्टया खारिज नहीं किया जाए और ना ही उन पर गैरबाजिब संदेह व्यक्त किया जाए”। उन्होंने कहा, “यदि चुनाव परिणामों की समीक्षा के बाद निष्कर्ष निकलता है कि कमला हैरिस वास्तव में चुनाव जीती हैं, तो उस जीत को मान्यता दी जानी चाहिए और उसे लेकर विवाद खड़े नहीं किए जाने चाहिए।”

लेकिन हम यह जानते हैं कि मस्क बहुत से मुखौटे लगाए हुए हैं। बहुत से लोग कमला हैरिस की जीत की उम्मीद लगाए हुए हैं लेकिन मस्क की कामना ट्रंप की विजय की है। वे चाहते हैं किसी समय का अरबपति एक बार फिर व्हाईट हाउस में प्रवेश करे और वे पर्दे के पीछे से स्वयं राज कर सकें। आखिरकार अगर एक अरबपति दूसरे अरबपति की मदद नहीं करेगा तो फिर किसकी करेगा। (कॉपी: अमरीश हरदेनिया)

श्रुति व्यास

संवाददाता/स्तंभकार/ संपादक नया इंडिया में संवाददता और स्तंभकार। प्रबंध संपादक- www.nayaindia.com राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के समसामयिक विषयों पर रिपोर्टिंग और कॉलम लेखन। स्कॉटलेंड की सेंट एंड्रियूज विश्वविधालय में इंटरनेशनल रिलेशन व मेनेजमेंट के अध्ययन के साथ बीबीसी, दिल्ली आदि में वर्क अनुभव ले पत्रकारिता और भारत की राजनीति की राजनीति में दिलचस्पी से समसामयिक विषयों पर लिखना शुरू किया। लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों की ग्राउंड रिपोर्टिंग, यूट्यूब तथा सोशल मीडिया के साथ अंग्रेजी वेबसाइट दिप्रिंट, रिडिफ आदि में लेखन योगदान। लिखने का पसंदीदा विषय लोकसभा-विधानसभा चुनावों को कवर करते हुए लोगों के मूड़, उनमें चरचे-चरखे और जमीनी हकीकत को समझना-बूझना।

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