चिन गांग चीन के विदेश मंत्री थे।‘थे’ इसलिए क्योंकि एक महीने पहले वे रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गए। इसके कुछ दिनों बाद उनके दिखलाई नहीं देने की अंतर्राष्ट्रीय सुर्खियां बनी लगीं।किसी को पता नहीं कि उनका हुआ क्या? वैसे कोई भी यह नहीं जानता है कि चीन में होता क्या है? चलता क्या है? बावजूद इसके चिन गांग का लापता होना इसलिए दिलचस्प है क्योंकि वे चीन के राजनीतिक आकाश के तेजी से उभरते सितारे थे।लेकिन जितनी तेजी से उभरते उतनी ही जल्दी वे गायब भी हो गए।
चिन गांग तब मशहूर हुए जब वे बीजिंग में विदेश मंत्रालय के तीखी लहजे वाले प्रवक्ता बने। उन्हें यूरोप के मसलों की काफी जानकारी थी। उनका दिमाग तेज था। वे पश्चिम को नीची निगाहों से देखते थे। इसके चलते उन्हें राष्ट्रपति शी जिंनपिंग के कूटनीतिक प्रोटोकाल संभालने का दायित्व मिला। उन्हें अमरीका में चीन का राजदूत बनाया गया और एक साल पहले वे विदेश मंत्री बने। बिना किसी अपराधबोध के उन्होंने कोविड काल में दुनिया से चीन के अलग-थलग पड़ने की स्थिति को समाप्त किया। उन्होंने अमरीका और अन्य पश्चिमी देशों से चीन के तनावपूर्ण संबंधो को सामान्य करने के प्रयास किए। चिन गांग, चीन के आत्मविश्वासी विश्वशक्ति बनने के सपने में यकीन रखते थे। वे शिष्ट थे और उनमें चीन के नजरिए को समझाने व उसका बचाव करने की कूटनीतिक अक्ल थी। और उन्होंने शी की प्रशंसा करने का कोई भी मौका शायद ही गंवाया हो। इसी का नतीजा था कि वे बहुत कम समय में सर्वोच्च नेता का भरोसा हासिल करने में सफल रहे।
लेकिन जब 25 जुलाई को उन्हें हटाए जाने की औपचारिक घोषणा हुई तो यह अजीब घटना विश्व भर के कूटनीतिज्ञों में दिलचस्प चर्चा का विषय बनी। उनके मातहतों ने हिचकिचाते हुए उनकी गैर-मौजूदगी का कारण सेहत बताया था। लेकिन घोषणा में यह कारण नहीं बताया गया। तभी उनके गायब होने की नाटकीयता कौतुकता का कारण है।
अपने कार्यकाल के दौरान चिन गांग ने इतनी कुशलता से कार्य किया कि वे चीन की वैश्विक छवि के प्रतीक बन गए। वे इतने लोकप्रिय और अंतर्राष्ट्रीय प्रेक्षकों के बीच जानेमाने व्यक्ति बने, जितना कोई अन्य चीनी नेता नहीं था। वे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते थे और यूनिवर्सिटी ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन्स के स्नातक थे जो बीजिंग स्थित चीन की सुरक्षा सेवाओं से जुड़ा संस्थान है। सन् 1992 में विदेश मंत्रालय में आने के पहले वे बीजिंग ब्यूरो ऑफ युनाईटेड प्रेस इंटरनेशनल में सहायक के पद पर थे। वे अपने अंतर्राष्ट्रीय अनुभवों का उपयोग करते हुए विदेशी अतिथियों से हल्की-फुल्की चर्चा कर पाते थे (कहा जाता है कि वे एनबीए में रूचि रखते थे और आर्सेनल क्लब के समर्थक थे)। वे पश्चिमी संस्थाओँ और यहां तक कि धार्मिक संस्थानों के पाखंड के बारे में अपनी राय खुलकर रखते थे। वे विभिन्न विदेशी मीडिया संस्थानों के बारे में भी अपना दृष्टिकोण व्यक्त करते थे, जिससे लगता था कि बीजिंग में रहते हुए भी उनके बारे में जानते हैं। वे चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के रूप में चीन के पक्ष में सख्त रूख रखने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते थे, लेकिन साथ ही उनकी पहचान एक ऐसे व्यक्ति के रूप में भी थी जो दूसरों का दिल जीत सकता है। साथ ही वे ‘वुल्फ वारीअर’ भी थे अर्थात एक ऐसा व्यक्ति जो आक्रामक शैली में और कड़े शब्दों में चीन और उसकी कम्युनिस्ट पार्टी का बचाव करता है।
उनके लापता होने के बाद सोशल मीडिया में इन अफवाहों ने जोर पकड़ा है कि उनका एक महिला टेलिविजन प्रस्तुतकर्ता के साथ अफेयर था, जो स्वयं सोशल मीडिया पर अत्यंत सक्रिय थी और वह भी अचानक ‘गायब’ हो गई है। इसके अलावा चीन के बतौर अमरीकी राजदूत उनके एक महिला से सम्बन्ध की चर्चा भी है। हालांकि सच क्या है, यह कोई नहीं जानता और इस मामले में कम्युनिस्ट पार्टी की अपारदर्शिता से साफ होता है कि शी जिंगपिंग की राजनैतिक राजकाज कितना गोपनीय व अनिश्चिततापूर्ण है।
चिन गांग का स्थान उनके पूर्ववर्ती वेंग यी ने लिया है जो सन् 2013 से 2022 तक विदेश मंत्री रहे थे। वेंग यी सत्ताधारी पोलितब्यूरो के सदस्य हैं और उनके अनुभव और उनके खुलकर बात न करने की आदत के कारण यह माना जा रहा है कि उनमें चीनी कूटनीति को स्थायित्व प्रदान करने की क्षमता है।
बहरहाल चिन गांग के गायब हो जाने की अजीब घटना पर चर्चा होती रहेगी। विशेषकर इसलिए कि वे आखिरी बार 25 जून को देखे गए जबकि 18 जून को वे सात घंटे तक बैठकों और रात्रि भोज के दौरान चीन की यात्रा पर आए अमरीकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ थे। क्या इस दौरान ऐसा कुछ हुआ जो शी की योजना के मुताबिक नहीं था? या चिन गांग, शी की कूटनीतिक योजना से आगे बढ़कर कुछ कर रहे थे? या उनकी बढ़ती लोकप्रियता से शी को खतरा महसूस हो रहा था? या चिन गांग वास्तव में बहुत बीमार हैं?
वाकई बहुत सारे सवालहैं।हालांकि ध्यान रहे कि चिन गांग अभी भी स्टेट काउंसलर हैं। पार्टी की केन्द्रीय समिति के सदस्य हैं। हालांकि चीनी विधायिका द्वारा चिन गांग को हटाए जाने के पक्ष में मतदान करने के तुरंत बाद चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाईट पर उनके मंत्री रहने के सारे निशानों को हटाना शुरू कर दिया है। पूरे मामले से खुद शी जिनपिंग की छवि को धक्का लगा है क्यांकि इससे न केवल यह पता लगता है कि उन्होंने इस पद के लिए गलत व्यक्ति को चुना बल्कि इससे शासन में अस्थिरता के हालातों के संकेत भी मिलते हैं। (कॉपी: अमरीश हरदेनिया)