भोपाल। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राज्यसभा के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद रिक्त हुई राज्यसभा सीट के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गई है साथ ही बुधनी और विजयपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए भी रणनीति बनने लगी है।
दरअसल भारतीय निर्वाचन आयोग ने राज्यसभा के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिए हैं 14 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा और 21 अगस्त को नामांकन पत्र दाखिल होगा और जरूरी हुआ तो 3 सितंबर को मतदान होगा कार्यक्रम जारी होते ही भाजपा में जोड़-तोड़ शुरू हो गई है। एक अनार सौ बीमार जैसी स्थिति है के पी यादव नरोत्तम मिश्रा जयभान सिंह पवैया लाल सिंह आर्य के नाम भरकर सामने आए हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान गुना शिवपुरी के तत्कालीन सांसद केपी यादव का टिकट काटकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को टिकट दिया गया था और चुनाव भी सभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सार्वजनिक मंच से केपी यादव को दिल्ली बुलाने का वादा कर दिया था।
इसी आधार पर प्रयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व केपी यादव को राज्यसभा भेज सकता है। इसके अलावा पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा लाल सिंह आर्य जय भान सिंह पवैया के नाम भी चर्चाओं में हैं। हालांकि भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व जिस तरह से दलित ओबीसी और महिला वर्ग से पिछली बार राज्यसभा में नए चेहरों को मौका देकर चौंकाया था जिसमें उमेश नाथ महाराज माया नारोलिया और बंशीलाल गुर्जर को राज्यसभा भेजा था। इस बार भी पार्टी किसी नए नाम को सामने लाकर चौका सकती है।
राज्यसभा के साथ-साथ बुधनी और विजयपुर विधानसभा के चुनाव के लिए भी पार्टी ने तैयारियां तेज कर दी है। दोनों ही सीटों पर प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त कर दिए गए हैं एवं बूथ स्तर पर जमीनी जमावट शुरू कर दी है विजयपुर विधानसभा सीट पर जहां रामनिवास रावत को पार्टी प्रत्याशी बनाएगी वहीं बुधनी विधानसभा सीट को लेकर असमंजस की स्थिति है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफा दिए जाने के बाद रिक्त हुई। इस सीट पर वैसे तो शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय चौहान प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं लेकिन परिवारवाद के मुद्दे पर किसी अन्य विकल्प पर भी विचार कर सकते हैं।
कुल मिलाकर प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट और विधानसभा उपचुनाव की दो सीटों के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गई है। राज्यसभा में भाजपा प्रत्याशी का जीतना तय है। इसलिए विपक्ष की कोई रुचि नहीं है लेकिन विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी भी चुनावी तैयारी कर रही है उसने भी नेताओं को जिम्मेवारी सौंप दी है।