Thursday

24-04-2025 Vol 19

हार की फिसल पट्टी पर सवार कांग्रेस

प्रदेश में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अब तक ऊबर नहीं पा रही है। प्रदेश में 19 नगरीय निकाय के चुनाव में कांग्रेस के केवल चार प्रत्याशी जीते जबकि भाजपा ने 12 सीटों पर जीत दर्ज किया। वहीं दो सीटों पर निर्दलीय बाजी मार ले गए।

दरअसल, प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में 15 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद सरकार बनाने वाली कांग्रेस की सरकार डेढ़ साल के बाद गिर गई। उसके बाद कांग्रेसियों को उम्मीद थी कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार में आएगी लेकिन केवल 63 सीट ही कांग्रेस जीत सकी। इसके बाद कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन हुआ और लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन सुधारने की कोशिश की गई लेकिन कांग्रेस के कब्जे वाली छिंदवाड़ा लोकसभा सीट भी कांग्रेस हार गई और सभी 29 लोकसभा सीटों पर चुनाव हारने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर मनोवैज्ञानिक दबाव कुछ इस तरह बन गया है कि अभी तक उसमें उत्साह नहीं आ पा रहा है।

बहरहाल, प्रदेश में विभिन्न अंचलों में नगरीय निकाय के 19 पार्षद पद के लिए हुए उपचुनाव में 12 पार्षद जीतने में भाजपा जहां सफल हो गई वहीं कांग्रेस केवल चार पार्षद ही जीत सकी जबकि दो पार्षद के रूप में निर्दलीय चुनाव जीतकर आ गए और भाजपा उम्मीदवारों की जीत भी काफी लंबे अंतर से हुई है। मसलन इंदौर नगर निगम के वार्ड 83 के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी जितेंद्र राठौर को 6490 और कांग्रेस के विकास जोशी को 2235 वोट मिले। इस तरह 4255 वोटो से भाजपा प्रत्याशी ने चुनाव जीता। इसी तरह बुंदेलखंड के मुख्यालय सागर में भी कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा।

नरयावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली मकरोनिया नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 9 में भाजपा प्रत्याशी मुकेश पटेल को 1375 वोट मिले। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को मात्र 132 मत ही प्राप्त हो सके। इस प्रकार भाजपा प्रत्याशी 1243 वोटों से चुनाव जीतने में सफल हुआ नरयावली क्षेत्र से लगातार चार बार विधानसभा का चुनाव जीतने वाले प्रदीप लारिया ने इस उप चुनाव को गंभीरता से लेते हुए ऐसी जमावट की जिससे कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जप्त हो गई। इसी तरह खुरई विधानसभा सीट के अंतर्गत आने वाली बंदरी नगर परिषद के चुनाव में भी भाजपा में बड़े अंतर से जीत हासिल की। हालांकि इस विधानसभा क्षेत्र में जब प्रदेश की सभी नगरीय निकाय के चुनाव हो रहे थे तब अधिकांश जगह निर्विरोध या भारी बहुमत से भाजपा प्रत्याशी चुनाव जीते थे। तब क्षेत्र के विधायक भूपेंद्र सिंह नगरीय प्रशासन मंत्री थे। जिले के ही शाहगढ़ नगर परिषद के चुनाव में भी भाजपा ने जीत दर्ज की है। रतलाम और सीहोर में निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीतने में सफल हुए हैं। वहीं रीवा जिले के सिरमौर बुरहानपुर जिले के नेपानगर रतलाम जिले के जावरा और बैतूल जिले के आठनेर नगरी निकाय क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी जीत दर्ज करने में सफल हुए हैं।

कुल मिलाकर प्रदेश में कांग्रेस विधानसभा चुनाव 2023 के बाद से फिसलपट्टी पर सवार है। लगातार एक के बाद एक चुनाव में करारी हार हो रही है। वहीं भाजपा जीत की निरंतरता की लय बनाए हुए हैं ऐसे में कांग्रेस की मुश्किलों को कम करने के लिए कौन सा प्रयोग सफल होगा। कांग्रेस के रणनीतिकार शायद अभी तक समझ नहीं पा रहे हैं। वहीं भाजपा सदस्यता अभियान के माध्यम से कांग्रेस के प्रभाव वाले क्षेत्रों में भी प्रभाव बढ़ाने की कोशिशे कर रही है।

देवदत्त दुबे

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