Friday

25-04-2025 Vol 19

शोर थमा डोर टू डोर शुरू

भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए प्रचार समाप्त हो गया है, शोरगुल थम गया है और अब प्रत्याशी और उनके समर्थक डोर टू डोर दस्तक दे रहे हैं। एक तरह से वोट पाने के अंतिम प्रयास तेज हो गए हैं लगातार चली धुआंधार कैंपेनिंग के बाद भी अधिकांश मतदाताओं ने अपनी खामोशी नहीं तोड़ी है जिंससे उम्मीदवारों की बेचैनी बढ़ गई है।

बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा राजनाथ सिंह नितिन गडकरी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी नाथ स्मृति ईरानी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा सहित एक दर्जन से ज्यादा नेताओं में धुआंधार सभाएं की और कांग्रेस पर जमकर निशाने साधे। वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे स्टार प्रचारक राहुल गांधी, प्रियंका गांधी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आम सभाओं के माध्यम से भाजपा को घेरने की कोशिश की जबकि प्रत्याशियों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं को रिझाने की कोई कसर नहीं छोड़ी है। कुछ प्रत्याशियों के बारे में कहा जा रहा है कि यह आखिरी 2 दिन में पासा पलटने की क्षमता रखते हैं क्योंकि उनका पर्याप्त नेटवर्क है और संसाधन है इसलिए विपक्षी उम्मीदवार ने रात्रि गस्त बढ़ा दी है जिससे कि सेंध ना लगाई जा सके।

दरअसल, प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए जिस तरह से चुनाव अभियान चला उससे मतदान प्रतिशत बढ़ाने की संभावना है तो बढ़ गई है लेकिन ऊंट किस करवट बैठेगा इसको लेकर संसार के बादल और घने हो गए हैं। चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में उम्मीदवारों ने माहौल बनाने के लिए जमकर शक्ति प्रदर्शन किया कहीं भाजपा कहीं कांग्रेस तो कहीं आप पार्टी के प्रत्याशियों ने भी अपनी ताकत दिखाई वैसे तो अधिकांश सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है लेकिन लगभग 50 सीटे ऐसी भी हैं जहां त्रिकोणीय और कहीं-कहीं चतुष्कोणीय मुकाबला देखा जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस के बड़े चेहरों को भारी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है जिन नेताओं को उम्मीद रहती थी कि वह प्रदेश में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं पार्टी उन्हें स्टार प्रचारक भी बनती है लेकिन एक विधानसभा के चुनाव में उन्हें ठंड में भी पसीना आ रहा है वहीं दूसरी और पहली बार चुनाव लड़ने वाले भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी बड़ी आसानी से दिग्गजों के खिलाफ मुकाबले में आ गए हैं और कहीं-कहीं जीत के दरवाजे पर खड़े हो गए हैं।

कुल मिलाकर अगले 24 घंटे प्रदेश की राजनीति में बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं जिस तरह से समूचे चुनाव अभियान में मतदाताओं ने अपने स्वभाव से राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को चौंकाया है उससे बाकी के बचे इन घंटों में स्थिति को अपनी ओर करने के लिए साम दाम दंड भेद का उपयोग किया जाएगा।

देवदत्त दुबे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *