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24-04-2025 Vol 19

भारत में फिर एक बार, चुनौती विहीन राजनीति…!

भोपाल। इतिहास हर जगह अपने आपको दोहराता है, फिर चाहे राजनीति ही क्यों न हो? आज से अर्द्धशतक वर्ष पहले अपनी ‘दादागिरी’ के बलबूते पर जहां कांग्रेस नैत्री इंदिरा जी ने देश में आपातकाल लगाकर उन्नीस महीनें तक तानाशाहीपूर्ण शासन चलाया था और प्रतिपक्षी संयुक्त संगठनों को जेल में डाल दिया था, अब थोड़े कुछ बदलाव के साथ पुनः देश में वही हालात बनाने की तैयारी की जा रही हैI Lok Sabha election 2024

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इंदिरा जी के समय जनसंघ सहित अन्य दलों के नेताओं ने एकजुट होकर जनता पार्टी का गठन कर प्रतिरोध की कौशिश की थी, आज भी कांग्रेस सहित प्रतिपक्षी दल ‘इंडिया’ नामक संयुक्त गठबंधन तैयार कर मोदी सरकार के प्रतिरोध की तैयारी में जुटे है और अगले माह शुरू होने वाले राजनीतिक चुनावी माहसमर की तैयारी कर रहे हैI

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लेकिन वास्तविकता यही है कि न तो कोई मोदी और न ही भारतीय जनता पार्टी के सामने कोई सक्षम विरोधी दल है, जहां तक कथित रूप से मुख्य प्रतिपक्षी दल कांग्रेस का सवाल है, वह तो वैसे ही ‘मृत्युशैय्या’ पर अपनी अंतिम सांस का इंतजार कर रही है, कांग्रेस को इस स्थिति तक पहुंचाने में भाजपा का कोई योगदान नही है, वह स्वयं ही इस स्थिति की जिम्मेदार है, ऐसा कहा जाता है न कि जो पैदा करता है, वहीं उसे खत्म करने का अधिकारी होता है, तो कांग्रेस के साथ भी ऐसा ही हैI Lok Sabha election 2024

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नेहरू खानदान के मोतीलाल नेहरू इस दल के जन्मदाताओं में से एक थे और अब उनकी पांचवीं पीढ़ी ही आज इस दल का अस्तित्व खत्म करने में जुटी है और इसमें कोई शक नही कि उनके ऐसे ही प्रयास चलते रहे तो देश का यह सबसे बुजुर्ग राजनीतिक दल भारत की धरती से विदाई ले लेगा। अभी तो आसार ऐसे ही नजर आ रहे है और इन्ही आसारों के आधार पर मोदीजी यह कह रहे है कि उनकी (आजादी के शताब्दी वर्ष) पर है, इस कथन पर मोदी जी को इसलिए दाद देनी पड़ेगी, क्योंकि वे 2047 अर्थात् अपनी 96 साल की उम्र के लिए भी आसमानी हौसले रखते है। क्या उनका यह कथन कि ‘‘वे हेड लाईन नहीं, बल्कि डेड लाईन पर काम करते है’’, उनकी इसी ‘शुभैच्छा’ का संकेत तो वे नहीं दे रहे है? Lok Sabha election 2024

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देश, राजनीति और परिस्थितियों की जो भी स्थिति हो, किंतु हालात तो यही बन रहे है कि अब भारतीय राजनीति का भविष्य एकमेव रूप से मोदी जी और भाजपा के ही हाथों में आ गया है और अब उनके सामने आज और निकट भविष्य में कोई चुनौती भी नहीं है। वे जब तक चाहें राज करें, 2024 क्या, मौजूदा हालात को देखते हुए 2047 में भी मोदी के सामने कोई चुनौती की संभावना नही है।

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हमारे देश की आजादी के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू तथा उनकी बेटी इंदिरा जी ने करीब सत्रह-सत्रह साल प्रधानमंत्री के बतौर राज किया और इस लिहाज से मोदी जी के प्रधानमंत्रित्व काल के तो अभी दस साल याने एक दशक ही गुजरा है, अभी नेहरू-इंदिरा की शासन अवधि की चुनौती के लिए उनके सामने सात-आठ साल का समय है, इसलिए यदि मोदी जी 2047 तक के लिए अपना सुनहरा भविष्य देख रहे है, तो क्या गलत है?

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और चूंकि देश में भाजपा के बाद एकमात्र कांग्रेस ही राष्ट्रीय दल है और उसकी स्थिति किसी से भी छुपी नही है, इसलिए मोदी जी के कथन को ‘गर्वोक्ति’ की श्रेणी में न लेकर उसे वास्तविकता से जोड़कर देखा जाना चाहिए। इसलिए मौजूदा देश व राजनीति की स्थिति परिस्थिति को देखते हुए यदि यह मान लिया जाए कि मोदी जी कतई गलत नही है, तो वह किसी की भी कोई भूल नही होगी। किसी भी देश में ऐसी स्थिति परिस्थिति कभी कभी ही पैदा होती है, इसका भारत ही नही विश्व के कई देश गवाह है।

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ओमप्रकाश मेहता

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