नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दुनिया के 60 देशों पर जैसे को तैसा शुल्क लगाने के बाद अब चीन और कनाडा ने पलटवार किया है। चीन ने शुक्रवार को अमेरिका पर 34 फीसदी जवाबी शुल्क लगाने का ऐलान किया है। नया शुल्क 10 अप्रैल से लागू होगा। गौररतलब है कि दो दिन बुधवार, दो अप्रैल को राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर 34 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाया था।
अब चीन ने उतना ही टैरिफ अमेरिका पर लगा दिया है। उधर कनाडा ने भी अमेरिका पर पलटवार करते हुए 25 फीसदी जवाबी शुल्क लगा दिया है।
शुक्रवार को चीन सरकार ने एक बयान जारी करके कहा कि अमेरिका का यह कदम अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन करता है। इससे चीन के कानूनी अधिकार और हितों का नुकसान हो रहा है। यह साफ तौर पर एकतरफा दबाव डालने की कोशिश है।
गौरतलब है कि जनवरी में सत्ता में लौटने के बाद से ट्रंप ने अब तक चीन से होने वाले सभी आयात पर दो बार 10-10 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाए हैं। व्हाइट हाउस का कहना है कि यह कदम अमेरिका में चीन से अवैध रूप से आने वाले फेंटेनाइल को रोकने के लिए जरूरी था।
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध: 54% शुल्क और अन्य वैश्विक प्रतिक्रियाएँ
दो बार में 20 फीसदी टैक्स लगाने और उसके बाद 34 फीसदी अतिरिक्त शुल्क की घोषणा के बाद अब अमेरिका में आने वाले चीनी सामानों पर प्रभावी रूप से कुल 54 फीसदी शुल्क लागू हो गया है। शुक्रवार को जवाबी शुल्क का ऐलान करने के साथ चीन ने 11 अमेरिकी कंपनियों को उन कंपनियों की सूची में डाल दिया है जिन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
इनमें ड्रोन बनाने वाली कंपनियां भी शामिल हैं। इसके अलावा 16 अमेरिकी कंपनियों पर निर्यात नियम लागू किए गए हैं, जिससे वे चीनी के दोहरे उपयोग वाले सामान का निर्यात न कर सकें।
इससे पहले कनाडा ने गुरुवार को अमेरिकी कारों पर 25 फीसदी शुल्क लगाने का ऐलान किया। उधर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिका में अपने सभी निवेश रोक दिए हैं। मैक्रों ने कहा, ट्रंप को यूरोपीय संघ के ऊपर लगाया गया 20 फीसदी शुल्क वापस लेना होगा।
इन देशों के उलट भारत ने अमेरिकी टैक्स पर चुप्पी रखी है। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत सरकार अमेरिका की ओर से लगाए गए शुल्क के असर का आकलन कर रही है।
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