नई दिल्ली। वक्फ कानून पर लगातार दूसरे जुमे यानी शुक्रवार को देश भर में प्रदर्शन हुए। पिछले गुरुवार यानी तीन अप्रैल को वक्फ कानून संसद से पास हुआ था, जिसके खिलाफ शुक्रवार, चार अप्रैल को जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन हुए थे। एक बार फिर शुक्रवार, 11 अप्रैल को भी देश के कई हिस्से में प्रदर्शन हुए। असल में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, एआईएमपीएलबी ने शुक्रवार से पूरे देश में वक्फ बचाव अभियान शुरू किया है। उसने कहा है कि इस मामले को शाह बानो मामले जैसा बनाना है।
बहरहाल, शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में प्रदर्शन हुआ। आलिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने यह प्रदर्शन किया। मुस्लिम संगठनों ने छात्रों के प्रदर्शन का समर्थन किया था। बड़ी संख्या में लोग इस प्रदर्शन में जमा हुए थे। उधर, जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी यानी पीडीपी के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार सुबह विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने पार्टी ऑफिस के बाहर ही बैरिकेड्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया।
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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ‘वक्फ बचाव अभियान’ का पहला चरण सात जुलाई यानी 87 दिन तक चलेगा। इसमें वक्फ कानून के विरोध में एक करोड़ दस्तखत कराए जाएंगे। जो प्रधानमंत्री मोदी को भेजे जाएंगे। इसके बाद अगले चरण की रणनीति तय की जाएगी। एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने एक वीडियो मैसेज जारी किया है, जिसमें उन्होंने सरकार पर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने और धर्मनिरपेक्षता को कमजोर करने का आरोप लगाया है।
एआईएमपीएलबी ने इसे 1985 के शाह बानो मामले की तरह व्यापक जन आंदोलन बनाने की बात कही है, जो शहरों से लेकर गांवों तक फैलेगा। संगठन की महिला शाखा अलग अलग जगहों पर कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को जागरूक करेगी। बोर्ड ने समुदाय से संयम बरतने और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से बचने की अपील की है। इस अभियान के तहत 22 अप्रैल को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में वक्फ की हिफाजत नाम से एक आयोजन किया जाएगा।
इसके बाद 30 अप्रैल को रात नौ बजे देश भर में लोग से अपने घरों, दफ्तरों, और फैक्टरियों में आधे घंटे के लिए लाइट बंद कर ‘ब्लैकआउट’ के जरिए प्रतीकात्मक विरोध की अपील की गई है। सात मई को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक और बड़ा कार्यक्रम होगा।
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