Friday

18-04-2025 Vol 19

वक्फ कानून पर सुनवाई शुरू

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के बनाए नए वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस कानून को चुनौती देने वाली एक सौ से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। सर्वोच्च अदालत ने वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्यों को शामिल किए जाने के सवाल पर सरकार से पूछा कि क्या वह हिंदू धर्मस्थलों से जुड़े बोर्ड में गैर हिंदुओं को शामिल करने को लिए तैयार है?

गौरतलब है कि संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद छह अप्रैल को राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद यह कानून बना था। उसके दो दिन बाद ही सरकार ने इसे लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी थी।

संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिलने के साथ ही इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल होने लगी थीं। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इन सभी याचिकाओं पर दो घंटे तक सुनवाई की। सर्वोच्च अदालत ने इन पर याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा है, लेकिन इस कानून के लागू होने पर रोक नहीं लगाई। इसके साथ ही अदालत ने वक्फ कानून के विरोध में देश भर में हो रही हिंसा पर चिंता जताई।

Also Read: सिब्बल ने उठाए कई सवाल

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून पर बहस, केंद्र से सवाल

अदालत के चिंता जताने पर केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हिंसा का इस्तेमाल दबाव डालने के लिए किया जा सकता है। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह इस पर फैसला करेगा।

सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि वक्फ कानून के तहत बोर्ड में अब हिंदुओं को भी शामिल किया जाएगा। यह अधिकारों का हनन है। इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या वह मुसलमानों को हिंदू धार्मिक ट्रस्टों का हिस्सा बनने की अनुमति देने को तैयार है? गौरतलब है कि हिंदुओं के दान कानून के मुताबिक, कोई भी बाहरी बोर्ड का हिस्सा नहीं हो सकता है।

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के अलावा इस बेंच में जस्टिस पीवी संजय कुमार, और जस्टिस केवी विश्वनाथन भी शामिल हैं।

केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा तो इस कानून के खिलाफ कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी आदि ने दलीलें रखीं। सुप्रीम कोर्ट अब गुरुवार, 17 अप्रैल को दो बजे सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने पहले दिन की सुनवाई में ‘वक्फ बाई यूजर’ के प्रावधान पर भी सवाल किया।

चीफ जस्टिस खन्ना ने कहा कि कई पुरानी मस्जिदें हैं। 14वीं और 16वीं शताब्दी की मस्जिदें है, जिनके पास रजिस्ट्रेशन सेल डीड नहीं होगी। उन्होंने केंद्र से पूछा कि ऐसी संपत्तियों को कैसे रजिस्टर करेंगे? उनके पास क्या दस्तावेज होंगे? ऐसे वक्फ को खारिज कर देने पर विवाद ज्यादा लंबा चलेगा। उन्होंने कहा, ‘हम यह जानते हैं कि पुराने कानून का कुछ गलत इस्तेमाल हुआ, लेकिन कुछ वास्तविक वक्फ संपत्तियां हैं, जिनके इस्तेमाल के दौरान लंबे समय से वक्फ संपत्ति के तौर पर पहचान हुई। वक्फ बाई यूजर मान्य किया गया है, अगर आप इसे खत्म करते हैं तो समस्या होगी’।

Pic Credit : ANI

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *