नई दिल्ली। वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन का बिल पेश होने का रास्ता साफ हो गया है। संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की रिपोर्ट के आधार पर बिल का संशोधित मसौदा तैयार हो गया है और केंद्रीय कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। बताया जा रहा है कि 19 फरवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में इसके मसौदे को मंजूरी दी गई। इसमें जेपीसी की बैठक में एनडीए सांसदों की ओर से दिए गए 14 संशोधनों को शामिल किया गया है। संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से में सरकार इसे पेश कर सकती है। बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 10 मार्च से चार अप्रैल तक चलेगा।
गौरतलब है कि बजट सत्र के पहले चरण में 13 फरवरी को वक्फ बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट संसद में पेश हुई थी। विपक्षी पार्टियों ने इस रिपोर्ट को फर्जी बताया था, जिसके बाद संसद में हंगामा भी हुआ था। उससे पहले 27 जनवरी को वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन के विधेयक पर विचार कर रही जेपीसी ने मसौदा रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। जेपीसी की बैठक में 44 संशोधनों पर चर्चा हुई थी। इसमें भाजपा और एनडीए के अन्य सांसदों की ओर से दिए गए 14 संशोधनों को स्वीकार किया गया था, जबकि विपक्ष के संशोधनों को खारिज कर दिया गया था।
गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में वक्फ बिल को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू ने लोकसभा में पेश किया था। इसके बाद इसे जेपीसी के पास भेजा गया था। जेपीसी को शीतकालीन सत्र में अपनी रिपोर्ट देनी थी लेकिन सदस्यों के आग्रह पर उसे बजट सत्र तक बढ़ाया गया। इसके बाद 13 फरवरी को राज्यसभा में भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने तो लोकसभा में जेपीसी के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट को पेश किया। इसे लेकर दोनों सदनों में विपक्ष ने आपत्ति जताई। इनका आरोप है कि जेपीसी रिपोर्ट में उनकी असहमतियों को शामिल नहीं किया। हालांकि सरकार ने कहा कि विपक्षी सांसदों की आपत्तियों को इसमें शामिल किया जा सकता है।