देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक निर्माणाधीन सुरंग धंसने से आठ दिन से फंसे 41 मजदूरों को निकालने में अभी कई दिन लगेंगे। रविवार को घटनास्थल पर पहुंचे केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दो से ढाई दिन में मजदूरों को निकाल लिया जाएगा। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर ड्रिलिंग मशीन ठीक से काम करती रही तब दो से ढाई दिन लगेंगे। दूसरी ओर राहत व बचाव कार्य की निगरानी कर रहे प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी भास्कर खुल्बे ने कहा कि मजदूरों को निकालने में चार से पांच दिन का समय लग सकता है।
गौरतलब है कि 12 नवंबर को दिवाली के दिन सुबह चार बजे एक निर्माणाधीन सुरंग धंस गई थी, जिसमें 41 मजदूर फंस गए। पिछले आठ दिन से अलग अलग ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल करके उन तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है लेकिन कामयाबी नहीं मिली है। शुक्रवार को अमेरिकी ऑगर मशीन खराब हो जाने की वजह से ड्रिलिंग रोक दी गई थी। दोबारा नई मशीन से रविवार की शाम करीब पांच बजे फिर से ड्रिलिंग शुरू हुई है। इस बीच करीब 50 घंटे तक ड्रिलिंग का काम रूका हुआ था। अभी तक 42 मीटर ड्रिल हो चुका है, जबकि फंसे हुए मजदूर 70 मीटर दूर बताए जा रहे हैं। बताया गया है कि ड्रिलिंग में आ रही रुकावट का पता लगाने के लिए रोबोट की भी मदद ली जाएगी। मजदूरों को लगातार ऑक्सीजन और खाने-पीने का सामान पहुंचाया जा रहा है।
बहरहाल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि अगर मलबे में ड्रिलिंग करने वाली ऑगर मशीन ठीक से काम करती रहती है, तो बचाव टीम अगले दो दिनों में उत्तराखंड की सुरंग के अंदर 170 घंटों से अधिक समय से फंसे 41 मजदूरों तक पहुंच सकती है। गडकरी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सुरंग ढहने की जगह का दौरा किया। उत्तरकाशी और यमुनोत्री को जोड़ने के लिए बन रही सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम परियोजना से जुड़ी हुई है।
गडकरी ने बताया- बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन, बीआरओ द्वारा विशेष मशीनें लाने के लिए सड़कें बनाई जा रही हैं। कई मशीनें यहां आ चुकी हैं। फिलहाल दो ऑगर मशीनें बचाव के लिए काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए सरकार हर उपाय कर रही है। उन्होंने कहा- सभी की जान बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। इसके लिए राज्य सरकार सभी एजेंसियों को हरसंभव मदद देने के लिए तैयार है।
इस गंभीर बचाव अभियान के लिए कई एजेंसियों की टीमें मौके पर मौजूद हैं। इनमें प्रधानमंत्री कार्यालय, पीएमओ के अधिकारी भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा- विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि हमें फंसे हुए मजदूरों तक जल्दी से जल्दी पहुंचने के लिए एक योजना पर काम करने के बजाय पांच योजनाओं पर एक साथ काम करना चाहिए। खुल्बे ने कहा कि मजदूरों को चार-पांच दिनों में बचा लिए जाने की आशा है। उन्होंने कहा- लेकिन अगर ईश्वर की कृपा रही तो यह उससे पहले भी हो सकता है।