nayaindia Rahul Gandhi on Hindu हिंदू वाले बयान पर विवाद
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हिंदू वाले बयान पर विवाद

ByNI Desk,
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नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर दिए गए पहले भाषण से ही राहुल गांधी ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल ने भगवान शिव और गुरुनानक की तस्वीरें दिखाईं, जिस पर विवाद हुआ। इसके बाद उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि ये जो लोग अपने को हिंदू कहते हैं वे 24 घंटे हिंसा, हिंसा और नफरत, नफरत करते रहते हैं। इस पर सदन में जम कर हंगामा हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद खड़े होकर इस पर प्रतिवाद किया और कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर मामला है। 

इससे पहले राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान भगवान शिव और गुरुनानक की फोटो दिखाई। राहुल के भाषण शुरू करने से पहले स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें नियम की याद दिलाते हुए कहा कि किसी भी चिन्ह या प्लेकार्ड को सदन में नहीं दिखाना चाहिए। इस पर राहुल ने कहा- क्या हाउस में भगवान शिव की तस्वीर दिखाना मना है? यहां दूसरी चीजों के चित्र दिखाए जा सकते हैं, लेकिन शिव जी का चित्र नहीं दिखाया जा सकता। अगर मैं कह रहा हूं कि हमें इनसे प्रोटेक्शन मिला, अगर मैं समझाना चाह रहा हूं कि कैसे प्रोटेक्शन मिला तो मुझे चित्र नहीं दिखाने दिया जा रहा।

राहुल गांधी ने भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों के शोर शराबे के बीच तेज आवाज में कहा- नरेंद्र मोदी जी पूरा हिंदू समाज नहीं हैं। बीजेपी पूरा हिंदू समाज नहीं है। आरएसएस पूरा हिंदू समाज नहीं है। ये ठेका नहीं है बीजेपी का। जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं, वे चौबीसों घंटे हिंसा करते हैं। उन्होंने कहा- जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा, हिंसा, हिंसा और नफरत, नफरत, नफरत… आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है, सच का साथ देना चाहिए।

राहुल गांधी के बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी सीट से खड़े हो गए और इसे गंभीर बात बताया। उन्होंने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर बात है। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी पूरा हिंदू समाज नहीं है। अमित शाह ने भी राहुल का विरोध किया और कहा- विपक्ष के नेता ने जो कहा, उन्हें इसकी माफी मांगनी चाहिए। इस धर्म पर करोड़ों लोग गर्व से हिंदू कहते हैं। मैं उनको गुजारिश करता हूं कि इस्लाम में अभय मुद्रा पर एक बार वो इस्लामिक विद्वानों की राय ले लें। इमरजेंसी के दौरान पूरे देश को डराने वालों को अभय की बात करने का कोई हक नहीं है।

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