चंडीगढ़। न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के लिए आंदोलन कर रहे किसानों ने समय सीमा समाप्त होने के बाद बुधवार को दिल्ली की ओर कूच करने का प्रयास किया और इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। पुलिस ने खनौरी बॉर्डर पर किसानों के ऊपर आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे घायल होने के बाद एक किसान की मौत हो गई। उधर टोहाना में किसानों को रोकने की ड्यूटी में तैनात एक एसआई का निधन हो गया। अब तक किसान आंदोलन में छह लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें तीन जवान और तीन किसान शामिल हैं।
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बुधवार की झड़प के बाद किसानों ने दिल्ली कूच की योजना दो दिन के लिए रोक दी है। किसानों और पुलिस की तरफ सफेद झंडे लहरा दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस के छोड़े आंसू गैस के गोले से किसान की मौत के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए हैं, जिसे देखते हुए किसानों ने दिल्ली कूच की योजना दो दिन के लिए स्थगित करने का ऐलान किया। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि नए हालात को देखते हुए नई रणनीति बनाएंगे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के साथ चौथे दौर की वार्ता के दौरान किसानों ने मंगलवार तक की समय सीमा दी थी और बुधवार को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया था। बुधवार को सुबह किसानों ने शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच किया लेकिन वे पुलिस की बैरिकेडिंग नहीं पार सके। पुलिस ने रबड़ बुलेट और आंसू गैस के गोले छोड़ कर किसानों को आगे बढ़ने से रोक दिया।
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एक अनुमान के मुताबिक पंजाब के 14 हजार किसान 12 सौ ट्रैक्टर ट्रालियों पर शंभू बॉर्डर से दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे हैं। खनौरी बॉर्डर पर भी आठ सौ ट्रैक्टर ट्रालियां मौजूद हैं। किसान वहां से हरियाणा में दाखिल होने की कोशिश कर रहे हैं। बुधवार को खनौरी बॉर्डर पर एक युवा किसान की मौत हो गई है। किसान पंजाब के बठिंडा का रहने वाला था। उसके अलावा 12 अन्य किसान भी घायल हैं, इनमें से दो की हालत गंभीर है। बताया जा रहा है कि आंसू गैस का गोला किसान के सिर पर गिर गया। मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर पर चोट लगने से किसान की मौत हुई है।
उधर टोहाना बॉर्डर पर तैनात एसआई विजय कुमार की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस बीच हरियाणा के जींद के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने बताया है कि किसानों ने पुलिस के ऊपर हमला किया। उन्होंने कहा- किसान आंदोलन के दौरान कुछ लोगों ने धान की पराली में आग लगाकर और मिर्ची डाल दी। इसके बाद पुलिस पर हमला कर दिया। धुआं ज्यादा होने के बीच काफी किसानों ने तलवार, भालों और गंडासों से पुलिस पर हमला किया। हमले में 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
बुधवार को पुलिस के साथ झड़प के दौरान किसान मजदूर मोर्चा यानी केएमएम के संयोजक सरवण सिंह पंधेर पुलिस के आंसू गैस का शिकार हो गए। उन्हें प्रदर्शन स्थल से बाहर ले जाया गया है। आंदोलन के दूसरे बड़े नेता जगजीत डल्लेवाल को भी आंसू गैस की वजह से सांस लेने में समस्या हुई। उन्हें भी बाहर ले जाया गया। गौरतलब है कि बुधवार को किसान आंदोलन का नौवां दिन था। इन नौ दिनों अलग अलग कारणों से तीन पुलिसकर्मियों सहित छह लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में किसान भारी मशीनरी लेकर हरियाणा से लगती सीमा पर डटे हैं। वे दिल्ली कूच करना चाहते हैं।