नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा का चुनाव कराने या उसका पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की कोई समय सीमा तय नहीं है। सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य में पहले पंचायत और नगरपालिका के चुनाव होंगे और उसके बाद ही दूसरे चुनाव होंगे। गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मामले में सुनवाई के दौरान मंगलवार को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने पूछा था कि जम्मू कश्मीर में चुनाव कब कराए जाएंगे और उसका पूर्ण राज्य का दर्जा कब बहाल होगा। इस पर सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने गुरुवार को जवाब देने की बात कही थी।
गुरुवार को तुषार मेहता ने कहा- हम जम्मू कश्मीर में कभी भी चुनाव करवाने के लिए तैयार हैं, लेकिन पंचायत और नगरपालिका चुनाव के बाद। जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के मामले में मेहता ने कहा- हम इसके लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं बता सकते, लेकिन यह स्पष्ट है कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है। पिछली सुनवाई में तुषार मेहता ने कहा था कि जम्मू कश्मीर को अस्थायी तौर पर दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया है। लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा, लेकिन जम्मू कश्मीर को जल्दी फिर से राज्य बना दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि वे गुरुवार को इस बारे में पॉजिटिव स्टेटमेंट देंगे।
गुरुवार को मेहता ने कहा कि जम्मू कश्मीर में चुनाव पंचायत और नगर निगम चुनाव के बाद होंगे। हालांकि केंद्रीय चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग यह तय करेंगे कि कौन सा चुनाव पहले किया जाए। उन्होंने कहा- इसके लिए हम कोई निश्चित समय सीमा नहीं बता सकते, लेकिन हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है।