नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 6.5 फीसदी रहेगी। भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की विकास दर का अनुमान 6.5 फीसदी घोषित किया है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर की तिमाही के दौरान जीडीपी की विकास दर घट कर 5.4 फीसदी आ जाने और निजी उपभोग में कमी आने की वजह से भारत सरकार को विकास दर का अनुमान कम करना पड़ा है।
भारत सरकार से पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने विकास दर का अनुमान सात फीसदी पर बरकरार रखा है। उसने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घऱेलू उत्पाद की विकास दर का अनुमान भी 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। इससे पहले नौ अक्टूबर को भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025 में भारत की जीडीपी की विकास दर का अनुमान 7.2 फीसदी पर स्थिर रखा था। हालांकि कई संस्थाओं ने चालू वित्त वर्ष में भारत के विकास दर के अनुमान को कम कर दिया है।
असल में वित्त वर्ष 2025 की जुलाई से सितंबर की तिमाही में भारत की जीडीपी की विकास दर घट कर 5.4 फीसदी पर आ गई। यह सात तिमाहियों में सबसे धीमी विकास दर रही। विनिर्माण सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण जीडीपी की विकास दर धीमी रही। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 26 नवंबर को चालू वित्त वर्ष के बारे में अनुमानों के आंकड़े जारी किए हैँ।