चेन्नई। छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उप मुख्यमंत्रियों और भाजपा विरोधी पार्टियों के नेताओं ने शनिवार को चेन्नई में एक बैठक की। इसमें लोकसभा सीटों की संख्या अगले 25 साल तक स्थिर रखने का प्रस्ताव पास किया गया है। तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा और पंजाब के नेताओं ने लोकसभा सीटों के परिसीमन पर अगले 25 साल तक रोक रखने की मांग की। साथ ही यह भी तय किया गया है कि परिसीमन को लेकर जॉइंट एक्शन कमेटी यानी जेएसी का एक प्रतिनिधिमंडल संसद के चालू सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेगा।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चेन्नई में जॉइंट एक्शन कमेटी की मीटिंग बुलाई थी। इसमें उनके अलावा केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन, तेलंगान के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के अलावा कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार शामिल हुए। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपनी पार्टी के दो नेताओं प्रतिनिधि के तौर पर इस बैठक में भेजा था। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भक्तचरण दास भी स्टालिन की बुलाई इस बैठक में शामिल हुए।
जॉइंट एक्शन कमेटी की बैठक में परिसीमन पर प्रस्ताव पारित किया गया कि 1971 की जनगणना के आधार पर तय लोकसभा सीटों को बढ़ाने पर लगी रोक को अगले 25 साल तक बढ़ाया जाए। साथ ही यह भी कहा गया कि जिन राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू किया है उनके साथ न्याय होना चाहिए। उन्हें इसकी सजा नहीं मिलनी चाहिए। विपक्षी पार्टियों ने निष्पक्ष परिसीमन की मांग की। परिसीमन के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों के नेताओं की अगली बैठक हैदराबाद में होगी।
शनिवार की बैठक के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा, ‘परिसीमन के मुद्दे पर हमें एकजुट रहना होगा। वर्ना हमारी पहचान खतरे में पड़ जाएगी। संसद में हमारा प्रतिनिधित्व कम नहीं होना चाहिए। हमें इस राजनीतिक लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए कानूनी पहलुओं पर भी विचार करना होगा’। उन्हेंने कहा, ‘हम परिसीमन के खिलाफ नहीं, निष्पक्ष परिसीमन के पक्ष में हैं’। केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा, ‘लोकसभा सीटों का परिसीमन तलवार की तरह लटक रहा है। भाजपा सरकार इस मामले पर बिना किसी विचार विमर्श के आगे बढ़ रही है। दक्षिण के सीटों में कटौती और उत्तर में बढ़ोतरी भाजपा के लिए फायदेमंद होगी। उत्तर में उनका प्रभाव है’।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा, अगर सीटों का परिसीमन जनसंख्या के आधार पर हुआ, तो दक्षिण भारत की राजनीतिक ताकत घटेगी और उत्तर के राज्य हावी हो जाएंगे। यह डेमोग्राफिक पेनाल्टी है, जो जनसंख्या नियंत्रण लागू करने वाले राज्यों को सजा देगा। कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमारर ने कहा, ‘भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण आंदोलन में शामिल हुए, लोकतंत्र और संघवाद की नींव जो खतरे में है। इसलिए एक अच्छी शुरुआत हुई है कि यहां एक निष्पक्ष जॉइंट एक्शन कमेटी बनाई गई है’। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, ‘परिसीमन के जरिए भाजपा उन राज्यों में सीटें कम कर रही है, जहां वह जीत नहीं पाती है। क्या दक्षिण भारत को जनसंख्या नियंत्रण के लिए दंडित किया जा रहा है’?