नई दिल्ली। लोकसभा सीटों के परिसीमन को लेकर चेन्नई में हुई विपक्षी पार्टियों की बैठक में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ, आरएसएस और भाजपा दोनों ने सवाल उठाया। बेंगलुरू में चल रही आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में परिसीमन पर दक्षिण भारतीय राज्यों के रूख पर चर्चा हुई। आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी अरुण कुमार ने शनिवार को परिसीमन पर बैठक कर रहे राजनीतिक दलों की चर्चा पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘मेरी राय में, जो लोग इस चर्चा में भाग ले रहे हैं, उन्हें आत्ममंथन करना चाहिए कि यह उनका राजनीतिक एजेंडा है या वे अपने क्षेत्र के हितों के बारे में ईमानदारी से सोच रहे हैं’।
उधर तमिलनाडु में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई और पार्टी के अन्य नेताओं ने परिसीमन को लेकर आयोजित बैठक का विरोध किया। उन्होंने कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को काले झंडे दिखाए। अन्नामलाई ने कहा, ‘डीएमके के सत्ता में आने के बाद पिछले 4 सालों में, राजनीतिक फायदे के लिए तमिलनाडु के हितों की लगातार बलि दी गई है। सीएम कभी भी केरल से बात करने और मुद्दों को हल करने के लिए नहीं गए, लेकिन आज उन्होंने केरल के सीएम को एक कृत्रिम मुद्दे पर बात करने के लिए आमंत्रित किया। हम तमिलनाडु के सीएम की निंदा करते हैं’।
इस बीच आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसी मसले पर चिट्ठी लिखी। जगन मोहन ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए लिखा, ‘परिसीमन प्रक्रिया इस तरह से हो कि किसी भी राज्य की लोकसभा या राज्यसभा में प्रतिनिधित्व में कोई कमी न आए, खासकर सदन में कुल सीटों की संख्या के मामले में’।