नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई में सर्वोच्च अदालत ने एक अनोखी पहल की है। चीफ जस्टिस के साथ सर्वोच्च अदालत के 22 जज दो दिन आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में रहेंगे और वहां न्यायपालिका से जुड़े विषयों पर चिंतन करेंगे। इस पहले में सबसे खास बात ये है कि यह काम अदालती खर्च पर नहीं होगा, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के जज अपना एलटीसी यानी लीव ट्रैवल कन्सेशन लेकर वहां जाएंगे। इस दौरान छुट्टी मनाने के साथ सास जज सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका से जुड़े कई मुद्दों पर विचार करेंगे।
अभी तक इस तरह सुप्रीम कोर्ट की फुल कोर्ट मीटिंग में ही विचार होता रहा है। पहली बार सुप्रीम कोर्ट के इतने जज दिल्ली से बाहर इस तरह की पहल करके इकट्ठा होंगे और न्यायपालिका से जुड़े मुद्दों पर विचार करेंगे। इसमें हिस्सा लेने वाले सभी जज 10 जनवरी की रात को वहां पहुंचेंगे। इसके बाद 11 और 12 जनवरी को चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और बाकी जज न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका से जुड़े कई मुद्दों पर विचार करेंगे, बल्कि अपने परिवारों के साथ कई पर्यटन स्थलों पर भी जाएंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में 11 से 14 जनवरी छुट्टी है। 11 और 12 जनवरी शनिवार और रविवार है, जबकि 13 व 14 जनवरी भी कोर्ट बंद रहेगा। जानकार सूत्रों के मुताबिक, चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने इसकी पहल की और उन्होंने देश के किसी हिस्से में जाकर घूमने फिरने के अलावा कुछ मुद्दों पर विचार करने के बारे में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत से चर्चा की।
दोनों वरिष्ठ जजों ने चीफ जस्टिस की राय से सहमति जताई। इसके बाद जजों ने तय किया कि वे एलटीसी लेकर जाएंगे और अपने साथ परिवार को भी ले जाएंगे। सबकी सहमति से ऐसी पहली मीटिंग के लिए विशाखापत्तनम जाने का कार्यक्रम तय किया गया। ज्यादातर जज इसके लिए तैयार हो गए। हालांकि कुछ जजों के पहले से ही निजी कार्यक्रम तय थे, जिसकी वजह से वे इसमें शामिल नहीं होंगे।