Sunday

09-03-2025 Vol 19

स्टालिन ने बुलाई विपक्ष की बैठक

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन परिसीमन और त्रिभाषा फॉर्मूले के खिलाफ जॉइंट एक्शन कमेटी यानी जेएसी बनाई है, जिसकी पहली बैठक 22 मार्च को होगी। स्टालिन ने इस बैठक में शामिल होने के लिए विपक्षी शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी है। स्टालिन ने अपनी चिट्ठी में मुख्यमंत्रियों और अन्य नेताओं से 22 मार्च को होने वाली जेएसी की पहली बैठक में अपने प्रतिनिधि भेजने का अनुरोध किया है, ताकि परिसीमन मुद्दे पर साझा रणनीति बनाई जा सके।

गौरतलब है कि परिसीमन और त्रिभाषा नीति के खिलाफ स्टालिन ने पांच मार्च को तमिलनाडु की सभी पार्टियों की सर्वदलीय बैठक की थी। भाजपा और एकाध अन्य पार्टियों को छोड़ कर बाकी पार्टियां इसमें शामिल हुई थीं। बैठक में इन मुद्दों पर जॉइंट एक्शन कमेटी यानी जेएसी बनाने का फैसला हुआ था। बताया गया है कि परिसीमन में राज्यों का प्रतिनिधित्व बचाने और प्रक्रिया ईमानदारी से पूरी हो, इसके लिए जेएसी काम करेगी।

मुख्यमंत्रियों और अन्य नेताओं को लिखी चिट्ठी में स्टालिन ने चेतावनी दी है कि परिसीमन से तमिलनाडु जैसे कम जनसंख्या वाले राज्यों पर असर पड़ेगा। उन्होंने लिखा है कि देश में 1952, 1963 और 1973 में परिसीमन हुआ था। 1976 में परिसीमन को साल 2000 के बाद होने वाली पहली जनगणना तक रोक दिया गया। वहीं, 2002 में परिसीमन पर 2026 तक रोक बढ़ा दी गई थी। उन्होंने लिखा है कि 2021 की जनगणना में देरी के वजह से परिसीमन तय समय से पहले हो सकता है। इससे अपनी जनसंख्या नियंत्रित रखने वाले राज्य प्रभावित हो सकते हैं।

स्टालिन ने दक्षिण भारत में केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक, पूर्वी राज्यों में पश्चिम बंगाल और ओडिशा और उत्तर में पंजाब से जेएसी में शामिल होने के लिए उनकी औपचारिक सहमति मांगी है। गौरतलब है कि ओडिशा में भाजपा की सरकार है। इसलिए स्टालिन की बुलाई बैठक में ओडिशा का कोई प्रतिनिधि शायद ही शामिल हो। बहरहाल, सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा था कि अगर संसद में सीटें बढ़ती है तो 1971 की जनगणना को आधार बनाया जाए। उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा था कि 2026 के बाद अगले 30 साल तक लोकसभा सीटों के सीमा तय करते समय 1971 की जनगणना को ही मानक माना जाए।

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *