नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने जनगणना का मुद्दा उठाया है और साथ ही खाद्य सुरक्षा कानून से बाहर छूट गए करोड़ों लोगों को इसके दायरे में लाने की मांग भी की है। उन्होंने संसद के बजट सत्र के सातवें दिन सोमवार को राज्यसभा में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने खाद्य सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा कहा कि 14 करोड़ लोग इस कानून से बाहर हैं। उन्हें इस कानून के दायरे में लाना चाहिए। उन्होंने सरकार से जल्दी से जल्दी जनगणना करवाने की मांग भी की।
सोनिया गांधी ने राज्यसभा में कहा, ‘सितंबर 2013 में यूपीए सरकार की ओर से लाया गया राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून देश की 140 करोड़ आबादी के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल थी। इसने लाखों परिवारों को भुखमरी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासकर कोविड 19 संकट के दौरान’। उन्होंने कहा, ‘इस कानून ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लिए आधार प्रदान किया। एनएफएसए के तहत, ग्रामीण आबादी का 75 फीसदी और शहरी आबादी का 50 फीसदी सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने का हकदार है। हालांकि, लाभार्थियों के लिए कोटा अभी भी 2011 की जनगणना के आधार पर निर्धारित किया जाता है, जो अब एक दशक से ज्यादा पुराना हो चुका है’।
गौरतलब है कि संसद में बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी हफ्ते के पहले दिन विपक्षी सांसदों महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा भी उठाया। विपक्षी सांसद इस मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं। उनकी मांग है कि यूपी सरकार भगदड़ में मरने वालों का सही आंकड़ा जारी करे। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में इसी मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन नोटिस दिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सात फरवरी को नए इनकम टैक्स बिल को मंजूरी दे दी थी। इसे भी पेश करने वाली है।