नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर तमिलनाडु और दूसरे राज्यों की ओर से हो रहे विरोध के बीच कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में लेख लिख कर इस नीति की आलोचना की है। सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह शिक्षा प्रणाली पर एकछत्र नियंत्रण बना रही है। उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार शिक्षा का व्यावसायीकरण और सांप्रदायिकरण कर रही है।
सोनिया गांधी ने तीन ‘सी’ यानी सेंट्रलाइजेशन, कॉमर्शियलाइजेशन और कम्युनलाइजेशन करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि शिक्षा नीति भारत के युवाओं और बच्चों की शिक्षा के प्रति सरकार की गहरी उदासीनता को दिखाती है।
सोनिया ने अपने लेख में केंद्र पर संघीय शिक्षा ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा है, ‘मोदी सरकार राज्य सरकारों को महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों से बाहर रखकर शिक्षा के संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है। शिक्षा नीति में केंद्र सरकार ने सारी ताकत अपने हाथ में ले ली है और सिलेबस और संस्थानों में सांप्रदायिकता फैलाई जा रही है’।
सोनिया गांधी ने शिक्षा नीति पर केंद्र सरकार को घेरा
कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने राज्य सरकारों को दरकिनार करने का आरोप लगाते हुए लिखा है कि केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की बैठक सितंबर 2019 से नहीं हुई है, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों के मंत्री शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के लिए अनुदान रोक कर राज्य सरकारों को पीएम श्री यानी पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया योजना को लागू करने के लिए मजबूर किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि स्कूली शिक्षा के अनियंत्रित निजीकरण को बढ़ावा दिया गया है। सोनिया गांधी ने इस साल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से जारी दिशानिर्देशों का जिक्र करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के चयन में राज्य सरकारों की भूमिका को लगभग खत्म कर दिया गया है। यह संघवाद के लिए गंभीर खतरा है।
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