नई दिल्ली। ब्रिटेन की यात्रा पर गईं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को गुरुवार को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के केलॉग कॉलेज में अपने भाषण के दौरान छात्रों व अन्य लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने बंगाल में हुई हिंसा, आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई बलात्कार व हत्या के मामले और संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर सवाल उठाए। छात्र आरजी कर मामले को लेकर ज्यादा आंदोलित थे।
आरजी कर मामला उठा रहे छात्रों से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘आप जानते हैं कि यह मामला अदालत में है और ये केस हमारे हाथ में नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है’। इसके बावजूद छात्र शांत नहीं हुए। प्रदर्शनकारी छात्रों के शांत नहीं होने पर ममता बनर्जी भी भड़क गईं और उन्होंने कहा, ‘यहां राजनीति मत करो, यह राजनीति का मंच नहीं है। मेरे राज्य में आओ और मेरे साथ राजनीति करो’। प्रदर्शनकारियों के हंगामे की वजह से ममता को भाषण रोकना पड़ा। यह विरोध देश की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएम के छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी एसएफआई के यूके चैप्टर ने किया था। छात्र संगठन ने कहा कि वे ममता बनर्जी के झूठे दावों का विरोध कर रहे थे।
भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने घटना का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शनकारी बंगाली हिंदू समुदाय से थे। भाजपा ने इस घटना को ‘बंगाल के लिए शर्मिंदगी’ बताया। भाजपा का कहना है कि विदेश में रहने वाले बंगाली हिंदू भी ममता को मुख्यमंत्री पद से हटाना चाहते हैं, क्योंकि उन्होंने बंगाल की विरासत को नष्ट कर दिया है। इस कार्यक्रम के ममता से पूछा गया कि क्या भारत 2060 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसके जवाब में ममता ने कहा कि उनको ऐसा नहीं लग रहा है। अमित मालवीय ने यह वीडियो भी शेयर किया और कहा कि ममता बनर्जी को भारत के दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से समस्या है। यह शर्मनाक है। उन्होंने विदेशी धरती पर बैठकर संवैधानिक पद का अपमान किया है।