Wednesday

23-04-2025 Vol 19

पहले दिन संसद नहीं चली

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। सोमवार को दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने अडानी समूह के मुखिया गौतम अडानी पर अमेरिका में लगे घूसखोरी और फ्रॉड के मामले पर चर्चा की मांग की। इसके लिए सरकार तैयार नहीं हुई तो हंगामा शुरू हो गया। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच बहस भी हुई। इसके बाद दोनों सदन 27 नवंबर तक स्थगित हो गए। गौरतलब है कि 26 नवंबर को संविधान अंगीकार किए जाने के 75 साल पूरे होने पर संसद का विशेष सत्र संविधान सदन यानी पुरानी संसद भवन में होगा, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संबोधित करेंगी।

बहरहाल, शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी पार्टियों से संसद के सुचारू संचालन के लिए सहयोगी मांगा। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र का माहौल शीत रहना चाहिए। हालांकि सत्र शुरू होते ही माहौल गरमा गया। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच बहस हुई।

असल में खड़गे ने सारे काम रोक कर अडानी के मसले पर चर्चा की मांग की, जिसे सभापति धनखड़ ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा- हमारे संविधान को 75 साल पूरे हो रहे हैं। उम्मीद है आप इसकी मर्यादा रखेंगे। इस पर खड़गे ने जवाब दिया- इन 75 सालों में मेरा योगदान भी 54 साल का है, तो आप मुझे मत सिखाइए। इस पर धनखड़ ने कहा- मैं आपको इतना सम्मान देता हूं और आप ऐसा बोल रहे हैं। मुझे दुख पहुंचा है। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई।

उधर लोकसभा की कार्यवाही भी पूरी नहीं हो सकी। विपक्ष के नेता अडानी मुद्दे पर हंगामा करते रहे, जिसके बाद सदन को 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। गौरतलब है कि अमेरिका की एक अदालत ने गौतम अडानी पर सोलर ऊर्जा का ठेका हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को करीब 22 सौ करोड़ रुपए की रिश्वत देने की पेशकश का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने इस मामले की जांच के लिए जेपीसी बनाने की मांग की है।

इस सत्र में सरकार वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 भी पेश करने वाली है। उससे पहले इस बिल पर विचार कर रही जेपीसी की रिपोर्ट आएगी। उसे लेकर तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा- हमने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाकात की है। जेपीसी अध्यक्ष हमारी बात नहीं सुन रहे हैं। जल्दबाजी में रिपोर्ट नहीं दी जा सकती। स्पीकर ने कहा कि वे हमारी भावनाओं का सम्मान करते हैं।

NI Desk

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