नई दिल्ली। पांच दिन के गतिरोध के बाद अंततः मंगलवार से संसद में सुचारू रूप से कामकाज होगा। संसद में दो दिन संविधान पर भी चर्चा की सहमति बनी है। गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन विपक्ष के हंगामे में जाया हुआ था। दूसरे हफ्ते के पहले दिन यानी सोमवार, दो दिसंबर को भी दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हुआ। दोनों सदनों में कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने अडानी पर लगे आरोपों और संभल की हिंसा का मुद्दा उठाया। विपक्ष के हंगामे के बीच ही आसन की ओर से जरूरी विधायी कामकाज निपटाए गए और दोनों सदन मंगलवार सुबह तक के लिए स्थगित हो गए।
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी नेताओं की राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कमरे में मीटिंग हुई। इसमें लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए। समाजवादी पार्टी सहित ‘इंडिया’ ब्लॉक की सभी पार्टियां इस बैठक में शामिल हुईं। हालांकि तृणमूल कांग्रेस के सांसद बैठक में नहीं गए। गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस अडानी मसले पर संसद ठप्प किए जाने के पक्ष में नहीं है।
Also Read: अगरतला में बांग्लादेश कौंसुलेट पर प्रदर्शन
बहरहाल, पांचवें दिन भी कार्यवाही ठप्प रहने के बाद सोमवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पक्ष और विपक्ष के सदन के नेताओं की मीटिंग बुलाई। मीटिंग में तय हुआ कि तीन दिसंबर से दोनों सदन ठीक से चलाए जाएंगे। लोकसभा स्पीकर के सामने विपक्ष के नेताओं ने कुछ मुद्दे उठाए और अपनी मांग रखी, जिसे मान लिया गया है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने मीटिंग के बाद कहा- सदन नहीं चलना और जनता के पैसों का नुकसान होना ये ठीक नहीं है। सबने इस बात को माना है। 13 और 14 तारीख को संविधान पर लोकसभा में चर्चा करेंगे और 16 व 17 को राज्यसभा में चर्चा होगी। कल हम सदनों में पहला बिल पास करेंगे।
बैठक के बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा- हम पहले दिन से ही कह रहे हैं कि विपक्ष संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर लोकसभा और राज्यसभा में संविधान पर दो दिन की चर्चा चाहता है। तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के साथ बैठक के बाद सोमवार को कहा- आज की बैठक में हम सभी इस बात पर सहमत हुए हैं कि सदन कल से शुरू होगा। उन्होंने यह भी बताया कि मंगलवार को समाजवादी पार्टी को संभल पर बोलने की अनुमति दी जाएगी और हम बांग्लादेश पर बोलेंगे।
इससे पहले सदन स्थगन के चलते लोकसभा में सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत और चीन मुद्दे पर नहीं बोल पाए। उनकी तरफ से विदेश राज्य मंत्री ने कागज सदन के पटल पर रख दिए। इसी तरह वित्त मंत्री निर्माल सीतारमण भी लोकसभा में बैंकिंग लॉ संशोधन बिल पेश नहीं कर सकीं। इसमें खाताधारकों को नॉमिनी की संख्या बढ़ाए जाने का प्रावधान करना है।