नई दिल्ली। मेडिसिन के बाद इस साल के फिजिक्स के नोबल पुरस्कार की भी घोषणा हो गई है। वर्ष 2024 का फिजिक्स का नोबल पुरस्कार जॉन जे हॉपफील्ड और जेफ्री ई हिंटन को दिया जाएगा। जॉन हॉपफील्ड और जेफ्री हिंटन को मशीन लर्निंग को सक्षम बनाने वाली खोजों के लिए फिजिक्स के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने मंगलवार को स्टॉकहोम में इस पुरस्कार का ऐलान किया है।
नोबल समिति ने अपने बयान में कहा है कि फिजिक्स के लिए इस साल का नोबल पुरस्कार पाने वाले वैज्ञानिकों ने मशीन लर्निंग की बुनियाद समझे जाने वाले तरीके की खोज के लिए भौतिकी के उपकरणों का इस्तेमाल किया है। होपफील्ड ने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में अपना अनुसंधान किया और हिंटन ने यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में शोध कार्य किया है। होपफील्ड प्रिंसटन विश्वविद्यालय में आण्विक जीव विज्ञान के पूर्व प्रोफेसर एमेरिटस हॉर्वर्ड से जुड़े हुए हैं और हिंटन टोरंटो विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान विभाग में एक प्रोफेसर एमरिटेस हैं।
जैफ्री की खास बात यह है कि जिस मशीन लर्निंग के लिए उनको नोबल मिला है, उन्होंने उसी के विकसित रूप आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को मानवता के लिए खतरा बताया था। उन्होंने 2023 में एआई के विरोध में गूगल से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में कहा था- एआई से बड़ी संख्या में नौकरियां खत्म हो जाएंगी। समाज में गलत सूचनाएं तेजी से फैलेंगी, जिसे रोक पाना संभव नहीं होगा। जैफ्री ने एआई के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हुए अफसोस जताया था।