Monday

14-04-2025 Vol 19

अमेरिका ने तहव्वुर राणा को भारत भेजा

नई दिल्ली। सारी अपीलें खारिज होने के बाद आखिरकार मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा को भारत आना पड़ा। 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के दोषी तहव्वुर राणा को भारत भेज दिया है। इससे पहले उसने प्रत्यर्पण के आदेश को कई बार चुनौती दी लेकिन हर बार अदालत ने उसकी अपील खारिज कर दी। अंतिम अपील खारिज होने के बाद अमेरिकी समय के मुताबिक मंगलवार को जांच एजेंसी एनआईए और खुफिया एजेंसी रॉ की एक साझा टीम तहव्वुर को लेकर विशेष विमान से रवाना हुई।

बताया गया है कि बुधवार देर रात तक उसे भारत लाया जाएगा। एनआईए अगले कुछ हफ्तों तक उसे अपनी हिरासत में रखेगी। गौरतलब है कि राणा के प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की याचिका अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी। तहव्वुर ने भारत आने से बचने के लिए अपनी याचिका में खुद को पार्किंसन बीमारी से पीड़ित बताते हुए कहा था कि अगर भारत भेजा गया तो उसे प्रताड़ित किया जा सकता है।

गौरतलब है कि तहव्वुर राणा को 2009 में एफबीआई ने गिरफ्तार किया था। राणा को अमेरिका में लश्कर ए तैयबा का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराया गया था। अब तक वह लॉस एंजिल्स के एक डिटेंशन सेंटर में बंद था। 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के 10 आतंकवादियों ने हमले किए थे। चार दिन तक चले इस हमले में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें नौ हमलावर भी शामिल थे। तीन सौ से अधिक लोग घायल हुए।

मुंबई हमले के आरोपपत्र में राणा का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज है। इसके मुताबिक राणा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा का सदस्य है। राणा हमले के मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली की मदद कर रहा था। अमेरिकी जांच से राणा की भूमिका प्रमाणित हो चुकी है। उस जांच के मुताबिक, ‘हेडली ने बताया है कि राणा ने एक शख्स को आदेश दिया कि वो हेडली के लिए मुंबई में फर्स्ट वर्ल्ड ऑफिस खोलने से जुड़ी फर्जी कहानी को सच दिखाने वाले डॉक्यूमेंट्स बनाए। राणा ने ही हेडली को सलाह दी कि भारत विजिट करने के लिए वीजा कैसे हासिल करना है। ये सारी बातें ईमेल और अन्य दस्तावेजों से प्रमाणित हुई हैं’।

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *