Nagpur Violence : महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार रात हुई हिंसा ने इलाके को दहशत में डाल दिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दो समुदायों के बीच हुई झड़प ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें घरों और गाड़ियों को निशाना बनाया गया। पुलिस पर भी हमला हुआ, जिसके बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया। (Nagpur Violence)
स्थानीय निवासी प्रकाश चंद्र ने आईएएनएस से बातचीत में घटना का मंजर बयां करते हुए कहा, “रात के समय गांधीगढ़ चौक से भीड़ आई और हमारी गली में घुस गई। करीब 400-500 लोग थे। उनका गुस्सा यहां रहने वाले परिवारों पर था।
नारेबाजी के बीच उन्होंने पत्थर फेंके, गाड़ियां तोड़ीं और कुछ को आग लगा दी। मेरे पड़ोसी की चार पहिया गाड़ी जल गई, दोपहिया वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया। जो लोग विरोध करने बाहर निकले, उन पर पत्थर और लाठियों से हमला हुआ। कई लोगों के सिर फट गए।
प्रकाश ने बताया कि हमलावरों ने घरों में घुसने की कोशिश की और संपत्ति को नष्ट किया। (Nagpur Violence)
वहीं, गली में रहने वाले अशोक ने कहा, “यह मेरा घर है और मेरी गाड़ी तोड़ दी गई। भीड़ पेट्रोल बम लेकर आई थी। उन्होंने घरों पर पथराव किया और मेरे मंदिर में भी तोड़फोड़ की कोशिश की। रात में अलग-अलग आवाजें सुनाई दे रही थीं।
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देरी से पहुंची पुलिस, दहशत में लोग (Nagpur Violence)
हम डर गए थे। कई लोगों का 50 हजार से 1 लाख तक का नुकसान हुआ। जिनकी गाड़ियां जलीं, उनका तो सब कुछ खत्म हो गया। इस इलाके में हमलावर शॉर्टकट के रास्ते गली में घुसे।
वहीं, प्रकाश ने पुलिस की देरी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा हमने कई बार फोन किया, लेकिन पुलिस काफी देर बाद आई। जब पुलिस पहुंची, तो उन पर भी हमला हुआ। हेलमेट पहने पुलिसवालों को पत्थर मारे गए, डंडों से पीटा गया। 30-40 पुलिसकर्मी घायल हो गए। एक पुलिसवाले का सिर फट गया था।
प्रकाश ने कहा यह रिहायशी इलाका है। हमें नहीं पता कि यह सब क्यों हुआ, लेकिन हम चाहते हैं कि ऐसा दोबारा न हो। घटना के बाद पुलिस ने हालात पर काबू पाया और जांच शुरू कर दी है। (Nagpur Violence)
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हिंसा में कुछ लोग घरों में जलती हुई चीजें फेंकते नजर आए। लोगों का कहना है कि सरकार को इस पर सख्त कदम उठाना चाहिए।