पोर्ट लुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस के दो दिन के राजकीय दौरे पर पहुंचे हैं। उन्होंने मंगलवार दोपहर मॉरीशस के राष्ट्रपति धरम गोखूल से मुलाकात की। प्रधानमत्री ने राष्ट्रपति धरम को गंगाजल और उनकी पत्नी को बनारसी साड़ी उपहार में दी। शाम करीब साढ़े सात बजे उन्होंने पोर्ट लुई में भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भोजपुरी में अपने भाषण की शुरुआत की। इसी कार्यक्रम में मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री ने इसके लिए मॉरीशस का धन्यवाद किया।
मोदी ने अपने भाषण में कहा, ‘मैं जब भी मॉरीशस आता हूं तो ऐसा लगता है कि अपनों की बीच ही तो आता हूं। यहां की मिट्टी में, हवा में, पानी में अपनेपन का एहसास है। गीत गवाई में, ढोलक की थाप में, दाल पूरी में, कुच्चा में और गातो पिमा में भारत की खुशबू है, क्योंकि यहां की मिट्टी में कितने ही भारतीयों का, हमारे पूर्वजों का खून पसीना मिला हुआ है’। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आपने मुझे सम्मान दिया, इसे मैं विनम्रता से स्वीकारता हूं। यह उन भारतीयों का सम्मान है जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी इस धरती की सेवा की और मॉरीशस को इस ऊंचाई पर लेकर आए’।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, ‘जब 10 साल पहले आज की ही तारीख पर मैं मॉरीशस आया था, उस साल होली एक हफ्ते पहले बीती थी, तब मैं भारत से भगवा की उमंग अपने साथ लेकर आया था। अब इस बार मॉरीशस से होली के रंग अपने साथ लेकर भारत जाउंगा। मोदी ने कहा, ‘अब होली के बात आई तो हम गुजिया की मिठास कैसे भुला सकते हैं एक समय था जब भारत के पश्चिमी हिस्से में मिठाईओं के लिए मॉरीशस से भी चीनी आती थी। शायद यह भी एक वजह रही की गुजराती में चीनी को मोरिस कहा गया।
उन्होंने आगे कहा, ‘समय के साथ भारत और मॉरीशस के रिश्तों के यह मिठास और भी बढ़ती जा रही है। इसी मिठास के साथ मैं मॉरीशस के लोगों को राष्ट्रीय दिवस की बहुत बहुत बधाई देता हूं। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार सुबह करीब आठ बजे पोर्ट लुई एयरपोर्ट पर उतरे। यहां मॉरीशस के प्रधानमत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने उनका स्वागत किया। हवाईअड्डे से होटल पहुंचने पर वहां भारतीय प्रवासियों ने उनका स्वागत किया। मोदी के स्वागत में मॉरीशस की महिलाओं ने पारंपरिक बिहारी ‘गीत गवई’ गाया। मोदी बुधवार को मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे।