लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने डेढ़ साल के अंदर दो बार अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया और अब स्थिति यह हो गई कि उन्होंने आकाश को पार्टी से निकाल दिया। आकाश आनंद को उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटाने के एक दिन बाद सोमवार को मायावती ने उनको पार्टी से ही निकाल दिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक के बाद एक तीन पोस्ट में मायावती ने आकाश के व्यवहार से नाराजगी जताई और उनको पार्टी से निकाल दिया।
मायावती ने कहा कि आकाश को पश्चाताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी। लेकिन आकाश ने जो प्रतिक्रिया दी, वह राजनीतिक मैच्योरिटी नहीं है। वो अपने ससुर के प्रभाव में स्वार्थी, अहंकारी हो गया है। असल में आकाश ने पार्टी के सभी पदों से हटाए जाने के आदेश के बाद सोशल मीडिया में अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उसमें उन्होंने मायावती के फैसले को पत्थर की लकीर बताते हुए उसका सम्मान किया था और साथ ही कहा था कि वे बहुजन हित में काम करते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे बहुजन हित में काम करने आए हैं, राजनीतिक करियर बनाने नहीं। इससे नाराज होकर मायावती ने उनको पार्टी से निकाल दिया।
गौरतलब है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक दिन पहले रविवार को आकाश को पार्टी के सभी पदों से हटाया था और कहा था कि वे उनके उत्तराधिकारी नहीं हैं। उन्होंने कहा था, ‘मेरे जीते जी और आखिरी सांस तक पार्टी में मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। मेरे लिए पार्टी और आंदोलन सबसे पहले हैं, परिवार और रिश्ते बाद में आते हैं। जब तक मैं जीवित रहूंगी, तब तक पूरी ईमानदारी से पार्टी को आगे बढ़ाती रहूंगी’। ध्यान रहे आकाश मायावती के सबसे छोटे भाई के बेटे हैं। उन्हें 15 महीने में दो बार उत्तराधिकारी घोषित किया गया, लेकिन दोनों ही बार हटा दिया। सबसे पहले 10 दिसंबर, 2023 को उत्तराधिकारी बनाया। 7 मई, 2024 को गलतबयानी की वजह से सभी जिम्मेदारियां छीन ली गईं। 23 जून 2024 को फिर से उत्तराधिकारी बनाया और नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी सौंप दी, लेकिन दो मार्च 2025 को उनसे फिर सारी जिम्मेदारियां छीन लीं। तीन मार्च को उन्हें पार्टी से ही बाहर कर दिया गया।